अटलजी राजनीति के महायोद्धा थे, पिछली उपलब्धियों को कभी नहीं नकारा: आजाद

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[email protected] । Feb 12 2019 5:32PM

संसद के केंद्रीय कक्ष में अटल बिहारी वाजपेयी के आदमकद तैलचित्र के अनावरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अटलजी विपक्ष में रहते हुए हमेशा सरकार पर तीखा प्रहार करते थे लेकिन उन्होंने पिछली उपलब्धियों को कभी नहीं नकारा।

नयी दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी को राजनीति का ‘महायोद्धा’ बताते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि अटलजी विपक्ष में रहते हुए हमेशा सरकार पर तीखा प्रहार करते थे लेकिन उन्होंने पिछली उपलब्धियों को कभी नहीं नकारा। संसद के केंद्रीय कक्ष में अटल बिहारी वाजपेयी के आदमकद तैलचित्र के अनावरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। आजाद ने वाजपेयी के भाषणों को उद्धृत करते हुए कहा कि वह कहा करते थे कि अगर भारत धर्मनिरपेक्ष नहीं होगा तब वह भारत नहीं हो सकता।

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उन्होंने कहा कि संसद के केंद्रीय कक्ष में अनेक महायोद्धाओं के चित्र लगे हैं और इन महायोद्धाओं के बीच एक और बड़े महायोद्धा अटलजी का चित्र लगा है जो अधिकतम समय विपक्ष में रहे, प्रधानमंत्री भी रहे। अटलजी अपने भाषणों के लिये हमेशा याद किये जायेंगे। आजाद ने कहा कि अटलजी विपक्ष में रहते हुए हमेशा सरकार पर तीखा प्रहार करते थे लेकिन उन्होंने पिछली उपलब्धियों को कभी नहीं नकारा। सरकार में रहते हुए विपक्ष के प्रति विरोध तो रहता था लेकिन विपक्ष के प्रति क्रोध कभी नहीं रहता था।

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कांग्रेस नेता ने वाजपेयी के भाषणों का हवाला देते हुए कहा कि अटलजी ने एक बार कहा था कि 50 साल में हमने प्रगति की है, चुनाव के दौरान वोट मांगने के दौरान सरकार की नीति पर प्रहार करने के संबंध में मेरे पास काफी सामग्री है लेकिन पिछली उपलब्धियों को नकारना ठीक नहीं है। ऐसा करना मजदूरों, किसानों, आम लोगों के प्रति अच्छा व्यवहार नहीं होगा। आजाद के अनुसार, वाजपेयी ने धर्म और जाति के नाम पर राजनीति का कभी पक्ष नहीं लिया और वह कहते थे कि राजनीति को ऐसे खेमों में नहीं बांटा जाए जहां एक दूसरे से बातचीत भी नहीं हो सके। 

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