वर्षा जल संचयन को लेकर गोवा सरकार सभी विभागों के साथ करेगी बैठक
रोड्रिग्स ने बताया, ‘‘राज्य सरकार के लिये वर्षा जल संचयन प्राथमिकता रहा है। सभी नये निर्माणों को लाइसेंस दिये जाने से पहले यह सुनिश्चित करने के लिये हमलोग मौजूदा कानून में संशोधन की कोशिश कर रहे हैं कि उनमें वर्षा जल संचयन और इसके संरक्षण को आवश्यक बनाया जाये।’
पणजी। गोवा सरकार सभी नये निर्माणों में वर्षा जल संचयन अनिवार्य बनाने के लिये कानून में सुधार की योजना बना रही है। राज्य के जल संसाधन मंत्री फिलिप नेरी रोड्रिग्स ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत वर्षा जल संचयन (रेन वाटर हार्वेस्टिंग) और राज्य के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में इसके संरक्षण पर एक योजना तैयार करने के लिये जल्द सभी विभागों के साथ बैठक करने वाले हैं। राजधानी पणजी एवं उत्तर गोवा जिले के तिस्वादी एवं पोंडा तालुकाओं में पाइपलाइन फटने के चलते पिछले सप्ताह पानी की कमी का सामना करने के बाद सरकार का यह कदम सामने आया है।
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रोड्रिग्स ने बताया, ‘‘राज्य सरकार के लिये वर्षा जल संचयन प्राथमिकता रहा है। सभी नये निर्माणों को लाइसेंस दिये जाने से पहले यह सुनिश्चित करने के लिये हमलोग मौजूदा कानून में संशोधन की कोशिश कर रहे हैं कि उनमें वर्षा जल संचयन और इसके संरक्षण को आवश्यक बनाया जाये।’’ उन्होंने कहा कि वर्षा जल संचयन को अनिवार्य बनाने के लिये जल्द नगर एवं ग्राम योजना अधिनियम तथा गोवा पंचायती राज अधिनियम को संशोधित किया जायेगा। पणजी के विधायक अतानासियो मोनसेरात ने भी कहा कि राजधानी को पानी के मामले में स्वावलंबी बनाने के लिये कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि भूजल के दुरुपयोग को भी नियंत्रित किया जायेगा और नये भवनों और ढांचों में वर्षा जल संचयन को सुनिश्चित करने के लिये स्थानीय निकाय संस्थाएं कदम उठायेंगी।
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