पीडब्ल्यूडी अभियंता शासकीय तंत्र प्रचलित सत्याग्रह को क्यों कर रहा उपेक्षित

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प्रतिरूप फोटो
प्रणव तिवारी । Jan 6 2022 11:31PM

तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन द्वारा प्रधान लेखाकार व मुख्य लेखा परीक्षक की वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को 37 बिंदुओं का ज्ञापन प्रेषित करते हुए मुख्य अभियंता गोरखपुर परिक्षेत्र के कार्यालय पर दिनांक 5 अक्टूबर 2021 से क्रमिक धरनारत है।

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के खंडीय कार्यालयों में प्रतिवर्ष किए गए अरबों, खरबों रुपए के घोटालों पर शासकीय तंत्र की लाचारगी आमजन के समझ से परे है। जबकि प्रधान लेखाकार व मुख्य लेखा परीक्षक द्वारा किए गए वर्ष वार वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से तारकोल, मद परिवर्तन,एक्स्ट्रा आइटम बांड, आपूर्ति आदेश, टीआई, पी आई में किए गए गंभीर वित्तीय अनियमितताओं व आर्थिक अपराध का बिंदुवार उल्लेख किया गया है जो शासकीय तंत्र के समक्ष अब तक घुटने टेकती नजर आ रही है। 

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ऐसे में अब यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है कि मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश, प्रमुख सचिव, मुख्य अभियंता (विभागाध्यक्ष), मुख्य अभियंता द्वितीय, उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग ने अनुचित लाभ लेते हुए प्रधान लेखाकार व मुख्य लेखा परीक्षक के वर्ष वार वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डालकर विभागीय अभियंताओं को खुला संरक्षण प्रदान किया है। जिसके परिणाम स्वरूप अभियंताओं द्वारा लेखा परीक्षण रिपोर्ट की धज्जियां उड़ाते हुए बेखौफ व बेलगाम प्रतिवर्ष अरबों खरबों के गंभीर वित्तीय अनियमितता व आर्थिक अपराध को अंजाम दिया जा रहा है, जिसके विरुद्ध तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन द्वारा प्रधान लेखाकार व मुख्य लेखा परीक्षक की वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को 37 बिंदुओं का ज्ञापन प्रेषित करते हुए मुख्य अभियंता गोरखपुर परिक्षेत्र के कार्यालय पर दिनांक 5 अक्टूबर 2021 से क्रमिक धरनारत है।

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