तबलीगी जमात के 2,550 सदस्यों को सरकार ने काली सूची में डाला, 10 साल भारत में प्रवेश पर पाबंदी
सरकार ने भारत की यात्रा को इच्छुक और तबलीगी गतिविधियों में शामिल होने के लिये किसी विदेशी को पर्यटक वीजा नहीं जारी करने का पहले ही फैसला किया है।
अधिकारी ने कहा कि जमात के लगभग सभी सदस्य पर्यटक वीजा पर भारत आये थे, लेकिन वे धार्मिक गतिविधियों में शामिल थे। इस तरह वीजा की शर्तों का उल्लंघन किया गया। इस इस्लामी संगठन से जुड़े 250 विदेशियों सहित 2,300 लोगों के, मार्च मेंराष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के शीघ्र बाद दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के मरकज में ठहरे हुए पाये जाने के बाद,तबलीगी जमात के विदेशी सदस्यों के खिलाफ पहली बार कार्रवाई की गई। ये लोग मार्च में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के शीघ्र बाद दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के मरकज में ठहरे हुए पाये गये थे। इनमें से कई लोगों की कोविड-19 जांच में उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई। गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। तबलीगी जमात के सदस्यों को देश के 20 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 के एक हजार से अधिक मामले और दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत की वजह बनने के साथ-साथ कोरोना वायरस संक्रमण फैलाने के लिये जिम्मेदार ठहराया गया है।तबलीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने के लिए 2,200 से अधिक विदेशी नागरिकों की भारत यात्रा 10 साल के लिए प्रतिबंधित की गई: सरकारी सूत्र https://t.co/FzaRIrbScb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 4, 2020
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काली सूची में डाले गये लोगों में करीब 40 देशों के नागरिक शामिल हैं। इनमेंअमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, आस्ट्रेलिया, रूस, चीन, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, म्यामां, श्रीलंका, किर्गिजिस्तान, मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, सऊदी अरब, कतर, ईरान, मिस्र दक्षिण अफ्रीका और अफ्रीकी महाद्वीप के कई देश शामिल हैं। सरकार ने भारत की यात्रा को इच्छुक और तबलीगी गतिविधियों में शामिल होने के लिये किसी विदेशी को पर्यटक वीजा नहीं जारी करने का पहले ही फैसला किया है। उनके भारत में अवैध रूप से ठहरने के बारे में पता चला चलने के बाद कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वीजा शर्तों के उल्लंघन को लेकर उन विदेशियों के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा था, जिन्होंने तबलीगी जमात की धार्मिक गतिविधियों में हिस्सा लिया था। अप्रैल में मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिदेशकों तथा दिल्ली पुलिस आयुक्त को इस तरह के उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। सीबीआई ने कथित संदिग्ध नकद लेन-देन और विदेशी चंदा प्राप्त करने की बात अधिकारियों से छिपाने को लेकर पिछले हफ्ते तबलीगी जमात के आयोजकों के खिलाफ एक प्राथमिक जांच दर्ज की थी। दिल्ली पुलिस ने भी तबलीगी जमात और इसके पदाधिकारियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है। वहीं, संगठन के प्रमुख मौलाना साद की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है।
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