कोरोना के खिलाफ जंग में चिकित्सा, नर्सिंग छात्रों को शामिल कर सकती है सरकार

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निर्णयों में एनईईटी की परीक्षा टालने और एमबीबीएस पास कर चुके छात्रों को कोविड-19 के खिलाफ अभियान में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करना भी शामिल हो सकता है। अंतिम वर्ष के एमबीबीएस और नर्सिंग छात्रों की भी इस अभियान में सेवा लेने का फैसला किया जा सकता है।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के प्रभावी प्रबंधन के लिए मानव संसाधन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की और इस दौरान जिन संभावित कदमों पर चर्चा हुई, उनमें चिकित्सा एवं नर्सिंग शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े छात्रों या पास कर चुके छात्रों को प्रोत्साहन प्रदान करना भी शामिल है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इन कदमों के संबंध में सोमवार को विस्तृत जानकारी सरकार की ओर से जारी की जा सकती है। एक सरकारी सूत्र ने कहा, ‘‘निर्णयों में एनईईटी की परीक्षा टालने और एमबीबीएस पास कर चुके छात्रों को कोविड-19 के खिलाफ अभियान में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करना भी शामिल हो सकता है। अंतिम वर्ष के एमबीबीएस और नर्सिंग छात्रों की भी इस अभियान में सेवा लेने का फैसला किया जा सकता है।’’ सूत्र ने बताया कि कोविड-19 के काम में जुटे चिकित्साकर्मियों को सरकारी नियुक्तियों में प्राथमिकता दी जा सकती है और उन्हें वित्तीय सहायता भी मुहैया कराई जा सकती है। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब देश के कई हिस्सों में कोविड-19 के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। रविवार को एक दिन में सर्वाधिक 3,92,488 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामले 1,95,57,457 हो गए जबकि पिछले 24 घंटों में 3,689 लोगों की मौत हो गई। देश में कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर प्रधानमंत्री लगातार बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्रियों, अधिकारियों, ऑक्सीजन निर्माताओं सहित अन्य हितधारकों के साथ बैठकें की हैं। पिछले दिनों सेना प्रमुख और वायु सेना प्रमुख ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात में उन्हें सशस्त्र बलों द्वारा कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में उठाए गए कदमों से अवगत कराया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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