सरकार सभी दिव्यांगजन को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध: गहलोत
सांकेतिक भाषा का पुराना इतिहास है और इन दिनों आधुनिक तरीके से इसका विकास किया जा रहा है। इन सांकेतिक शब्दों में एकरूपता लाने के लिए भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास चल रहे हैं।
नयी दिल्ली। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने सोमवार को कहा कि सरकार सभी दिव्यांगजन को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।गहलोत ने सांकेतिक भाषा के 6000 शब्दों का शब्दकोश तैयार करने के लिए इंडियन साइन लैंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर (आईएसएलआरटीसी) की प्रशंसा की।‘सांकेतिक भाषा दिवस’ के अवसर पर यहां एक समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि आईएसएलआरटीसी को 2020 तक 4000 नये सांकेतिक शब्द अपने शब्दकोश में जोड़ने चाहिए। इसे भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट के चार नए जजों ने ली पद की शपथ, न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर 34 हुई
आईएसएलआरटीसी दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के तहत एक स्वायत्त निकाय है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी दिव्यांगजन को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध है। सांकेतिक भाषा का पुराना इतिहास है और इन दिनों आधुनिक तरीके से इसका विकास किया जा रहा है। इन सांकेतिक शब्दों में एकरूपता लाने के लिए भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास चल रहे हैं।
Attended the celebration program of ‘Sign Language Day’ was organised by the Indian Sign Language Research and Training Centre (ISLRTC), an autonomous body under the Department of Empowerment of Persons with Disabilities, M/o Social Justice and Empowerment here today. pic.twitter.com/y2cYU6CbSv
— Thawarchand Gehlot (@TCGEHLOT) September 23, 2019
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