सरकार ने आरक्षण संबंधी अदालत के आदेश को दी चुनौती: जावड़ेकर

Government gives challenge to court order on reservations: Javadekar
[email protected] । Jul 19 2018 2:33PM

उन्होंने कहा कि सरकार इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पिछले अप्रैल में दिये गये उस निर्णय से सहमत नहीं है जिसमें उसने संकाय पदों को भरने के लिए संस्थागत आरक्षण संबंधी एक परिपत्र को खारिज कर दिया था।

नयी दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज राज्यसभा में कहा कि सरकार ने विश्वविद्यालयों एवं कालेजों में शिक्षण पदों पर भर्ती पर रोक लगा दी है क्योंकि अनुसूचित जाति-जनजाति एवं ओबीसी आरक्षण में कटौती करने के अदालत के फैसले के खिलाफ उसकी विशेष अनुमति याचिका पर निर्णय लम्बित है। उन्होंने कहा कि सरकार अजा-अजजा और ओबीसी के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पिछले अप्रैल में दिये गये उस निर्णय से सहमत नहीं है जिसमें उसने संकाय पदों को भरने के लिए संस्थागत आरक्षण संबंधी एक परिपत्र को खारिज कर दिया था। 

जावड़ेकर ने शून्यकाल में विपक्षी सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हम अजा-अजजा और ओबीसी के आरक्षण को बचाने में कामयाब होंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आरक्षण एक संवैधानिक अधिकार है..हम आरक्षण के पक्ष में हैं और इसे SC/ST और ओबीसी को प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और केन्द्र सरकार ने इस आदेश के खिलाफ अलग अलग विशेष अनुमति याचिका दायर की हैं तथा मामले की अगली सुनवाई की तारीख 13 अगस्त है। जावड़ेकर ने कहा कि उनके मंत्रालय ने विशेष अनुमति याचिका पर निर्णय लंबित रहने तक विश्वविद्यालय:कालेजों में रिक्तियों को भरे जाने पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा, ‘‘आरक्षण को कोई आंच नहीं आने दी जाएगी।’’ 

इससे पहले शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि यूजीसी ने पांच मार्च को अजा-अजजा एवं ओबीसी आरक्षण के लिए 13 सूत्री आरक्षण रोस्टर जारी किया था। इसमें विश्वविद्यालय:कालेज के बजाय विभाग-विषय को ध्यान में रखते हुए आरक्षण सूची बनाने की बात कही गयी है। उन्होंने कहा कि यूजीसी आदेश को निष्प्रभावी किया जाए। उनकी इस मांग का नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने समर्थन किया। उन्होंने कहा कि रोस्टर से SC/ST और ओबीसी के आरक्षण में कटौती होगी। बसपा के अशोक सिद्धार्थ ने कहा कि यूजीसी के आदेश के बाद रिक्तियों के कई विज्ञापन आए हैं तथा इस प्रकार की भर्तियां रोकी जानी चाहिए।

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