सरकार मंडियों को आधुनिक बना रही है: खाद्य सचिव

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प्रतिरूप फोटो

केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने मंगलवार को कहा कि, ‘‘हम नुकसान को कम-से-कम करने के लिये मंडियों को आधुनिक रूप देने का प्रयास कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि भंडारण के दौरान नुकसान कम होकर 0.003 प्रतिशत पर आ गया है, जो कुछ साल पहले 0.006 प्रतिशत था।

 केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने मंगलवार को कहा कि भंडारण के दौरान अनाज का नुकसान आधा कम होकर मामूली 0.003 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से खाद्यान्न की खरीद के बाद उसमें होने वाले नुकसान को कम करने को लेकर मंडियों को आधुनिक बना रही है।

उद्योग मंडल सीआईआई के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जमीन से ऊपर ढांचा बनाकर उस पर अनाज को ढक कर रखने की व्यवस्था (कवर एंड प्लिंथ) बंद करने का निर्णय किया है।इससे भंडारण नुकसान कम होगा।

पांडे ने कहा, ‘‘हम नुकसान को कम-से-कम करने के लिये मंडियों को आधुनिक रूप देने का प्रयास कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि भंडारण के दौरान नुकसान कम होकर 0.003 प्रतिशत पर आ गया है, जो कुछ साल पहले 0.006 प्रतिशत था।

सचिव ने कहा कि केंद्र भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और अन्य राज्य खरीद एजेंसियों के जरिये 10 करोड़ टन खाद्यान्न का प्रबंधन करता है। उन्होंने कहा कि जमीन पर ढांचा बनाकर उस पर ढक कर अनाज रखने की व्यवस्था बंद कर दी गयी है।

‘‘यह महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय है।’’ उन्होंने खाद्यान्न के विविधीकरण पर जोर देते हुए कहा कि सरकार मोटे अनाज के उत्पादन और खरीद पर ध्यान दे रही है। सचिव ने यह भी उल्लेख किया कि केन्द्र सरकार राष्ट्रीय खाद्यसुरक्षा कानून के तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को काफी सस्ते दाम पर खाद्यान्न उपलब्ध करा रहा है।

इस कानून के तहत केन्द्र प्रति व्यक्ति हर महीने पांच किलो खाद्यान्न एक से तीन रुपये प्रति किलो के दाम पर उपलब्ध कराता है। पांडे ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान केन्द्र सरकार ने 10 करोड़ टन खाद्यान्न का वितरण किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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