लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे परियोजना की समीक्षा करा रही है सरकार
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की महात्वाकांक्षी लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे परियोजना की योगी आदित्यनाथ सरकार समीक्षा करा रही है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की महात्वाकांक्षी लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे परियोजना की योगी आदित्यनाथ सरकार समीक्षा करा रही है। सरकारी सूत्रों ने आज बताया कि राज्य सरकार ने दस जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे लगभग 230 गांवों में हुए भूमि सौदों की जांच करें। इन गांवों से करीब 20456 किसानों से 3500 हेक्टेयर भूमि खरीदी गयी। एक्सप्रेसवे की समीक्षा कथित घोटाले की आशंका के परिप्रेक्ष्य में करायी जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी अखिलेश सरकार की योजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं। समाजवादी पेंशन योजना, गोमती रिवर फ्रंट परियोजना, स्मार्ट फोन योजना और साइकिल ट्रैक परियोजना इनमें शामिल हैं। योगी ने मुलायम सिंह यादव द्वारा शुरू किये गये यश भारती पुरस्कार की समीक्षा के भी आदेश दिये हैं। योगी सरकार ने आगरा एक्सप्रेव का तकनीकी सर्वे महीने भर में करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी राइटस को लगाया है।
यूपीडा के मुख्य कार्याधिकारी अवनीश अवस्थी ने बताया कि उन्होंने 19 अप्रैल को संबद्ध जिलाधिकारियों को पत्र भेज दिये हैं। पूर्व की सपा सरकार ने दावा किया था कि एक्सप्रेसवे को रिकार्ड समय में तैयार किया गया है। प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश ने सभाओं में इसका खूब प्रचार भी किया। एक्सप्रेसवे 302 किलोमीटर लंबा है। इसकी लागत 15 हजार करोड़ रूपये है। यह इटावा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, उन्नाव, कानपुर, कन्नौज, औरैया और हरदोई होकर जाता है। उन्नाव के निकट इस पर हवाई पट्टी भी है, जिस पर युद्धक विमान उतर सकते हैं।
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