सख्त ट्रैफिक नियमों पर सरकार कायम, लोगों में दिख रहा भय

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अंकित सिंह । Sep 5 2019 5:13PM

ट्रैफिक नियमों में बदलाव के पीछे के कारण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि सड़क पर चलने वाले लोग दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें। गडकरी ने उन लोगों पर भी जोरदार प्रहार किया जो सरकार पर चालान के जरिए जबरन वसूली का आरोप लगा रहे हैं।

एक सितंबर से देश में संशोधित मोटर वाहन अधिनियम प्रभावी हो गया जिसके बाद से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों का भारी चालान काटा जा रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों से भारी मात्रा में चालान के काटे जाने की खबर आ रही है। कही 53000 हजार रुपये के चालान काटने की खबर है तो कहीं 23000 की। कुल मिलाकर देखा जाए तो ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना आम लोगों को काफी महंगा साबित हो रहा है। आम लोगों के इस बात की उम्मीद थी कि शायद सरकार शुरूआत में थोड़ी नरमी बरते या फिर अपने फैसले पर पुनर्विचार करे, पर ऐसा होता नहीं दिख रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने साफ कर दिया है कि सरकार फिलहाल इस फैसले को वापस नहीं लेगी। ट्रैफिक नियमों में बदलाव के पीछे के कारण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि सड़क पर चलने वाले लोग दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें। गडकरी ने उन लोगों पर भी जोरदार प्रहार किया जो सरकार पर चालान के जरिए जबरन वसूली का आरोप लगा रहे हैं।   

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नितिन गडकरी ने साफ कहा कि संशोधित मोटर वाहन अधिनियम को प्रभावी करने के पीछे सरकार की मंशा लोगों से पैसा वसूला नहीं बल्कि ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि कहा कि देश में 18 से 35 आयु के बीच लोगों की 60 फीसदी मौत सड़क दुर्घटनाओं से हो रही है, ऐसे में क्या इनकी जान नहीं बचानी चाहिए? उन्होंने कहा कि कानून के प्रति लोगों में सम्मान एवं डर होना चाहिए। सरकार को जुर्माने की राशि बढ़ाने की इच्छा नहीं नहीं थी पर हमने लोगों के हित में इसे लागू किया। लोग ट्रैफिक नियमों का पालन कर भारी चालान से बच सकते हैं। लोगों के लिए एक राहत की बात है। वह यह है कि संशोधित मोटर वाहन अधिनियम में नियम 139 के प्रावधान किया गया है जिसकी वजह से ट्रैफिक पुलिस आपका तत्काल चालान नहीं काट सकती। आपको 15 दिनों के भीतर पुलिस को जरूरी कागजात दिखाने होने। 

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खैर देशभर में इसका खूब विरोध हो रहा है तो कुछ लोग सरकार के पक्ष में भी खड़े हैं। हां, यह बात फिलहाल सौ फीसदी सच नजर आ रही है कि लोगों में इस कानून को लेकर डर जरूर पैदा हो गया है। लोग सड़कों पर ट्रैफिक नियमों का पालन करते दिख रहे हैं। दिल्ली की बात करें तो सड़कों पर लोग अब ओवरटेकिंग करने से बच रहे हैं जिसकी वजह से जाम में कमी आई है। इसके अलावा लाल बत्ती पर लोगों के मन में इस कानून का भय देखने को मिल जा रहा है। लोग ड्राइविंग के वक्त सीट बेल्ट लगाने को लेकर तत्पर दिक रहे हैं। साथ ही साथ प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइन देखने को मिल रही हैं। उधर, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए 15 दिनों का लंबा समय लग रहा है जिसका मतलब साफ है कि लोगों में जरूरी कागजातों को बनवाने के लिए होड़-सी हो गई है। ट्रैफिक पुलिस को लेकर लोगों के मन में एक खौफ-सी है। देश की सबसे अच्छी सड़कों में से एक NH-24 पर ट्रैफिक पुलिस देखने को मिल रही है। संशोधित मोटर वाहन अधिनियम प्रभावी हो जाने के बाद लोगों के मन में एक डर और भी देखने को मिल रहा है। कुछ लोगों को लगता है कि सरकार आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों पर रोक लगा दे। हालांकि सरकार की तरफ से गडकरी ने आज साफ कर दिया कि फिलहाल इस पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है और नाही ऐसा इरादा है। भले ही सरकार की तरफ से यह दावा किया जा रहा हो कि यह लोगों के हित में है पर इसका डर कहीं ना कहीं आम जनता को परेशान कर रहा है। 

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