भारत ने चीन से कहा, सड़क निर्माण से पड़ सकता है गंभीर असर

Government of India expressed concern over road construction

भारत सरकार ने सिक्किम के समीप विवादित दोकलम क्षेत्र में चीन द्वारा सड़क का निर्माण किए जाने पर आज गहरी चिंता जताई और चीन को यह बता दिया है कि ऐसी कार्रवाई का गंभीर असर होगा।

भारत सरकार ने सिक्किम के समीप विवादित दोकलम क्षेत्र में चीन द्वारा सड़क का निर्माण किए जाने पर आज गहरी चिंता जताई और चीन को यह बता दिया है कि ऐसी कार्रवाई से मौजूदा स्थिति में पर्याप्त बदलाव आएगा जिसका भारत की सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ सकता है। भारत की यह प्रकिक्रिया इलाके में भारतीय और चीनी बलों के बीच उत्पन्न गतिरोध के बाद आयी है जिस पर चीन ने कड़ा रूख अपनाया और स्थिति में सुधार के लिए सार्थक बातचीत करने से पहले सिक्किम क्षेत्र से भारतीय जवानों को वापस बुलाने की शर्त रखी है।

चीन, भारत पर चीन-भूटान विवाद में 'तीसरा पक्ष' बनने का आरोप भी लगाता रहा है। चीन की दलीलों पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह जरूरी है कि संबंधित सभी पक्ष अत्यंत संयम बरतें और यथास्थिति में एकतरफा तौर पर बदलाव नहीं करने की द्विपक्षीय सहमति का पालन करें। मंत्रालय ने कहा कि यह भी महत्वपूर्ण है कि विशेष प्रतिनिधि प्रक्रिया के जरिए भारत और चीन के बीच बनी सहमति का दोनों पक्ष ईमानदारी से पालन करें।

विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा, 'हाल ही में चीन द्वारा की गई कार्रवाई से भारत बहुत चिंतित है और उसने चीनी सरकार को बता दिया है कि ऐसे निर्माण कार्यों से मौजूदा यथास्थिति में पर्याप्त बदलाव आएगा जिसका भारत की सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ सकता है।' मंत्रालय ने 16 जून से क्रमबद्ध तरीके से उन घटनाक्रमों का भी जिक्र किया है जब पीएलए का निर्माण दल दोकलम क्षेत्र में घुसा और उसने सड़क बनाने की कोशिश की। मंत्रालय ने कहा, 'भूटान सरकार के सहयोग से दोका ला के आम इलाके में मौजूद भारतीय जवान चीन के निर्माण दल के पास पहुंचे और उन्होंने उनसे यथास्थिति बदलने से बचने का अनुरोध किया। ये प्रयास अभी जारी हैं।'

विज्ञप्ति में कहा गया है कि आपसी हितों के मामलों पर करीबी परामर्श बरकरार रखने की रीति को ध्यान में रखते हुए भूटान और भारत इन घटनाओं के सामने आने के बाद लगातार एक दूसरे के संपर्क में रहे। मंत्रालय ने कहा कि जहां तक सिक्किम क्षेत्र में सीमा का संबंध है तो भारत और चीन तालमेल के आधार पर आपसी समझौते को पुख्ता करते हुए 2012 में एक समझौते पर पहुंचे थे। उसने कहा कि विशेष प्रतिनिधित्व रूपरेखा के तहत सीमा का निर्धारण करने के लिए बातचीत चल रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़