विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए सरकार ने बनाया मेगा प्लान, वंदे भारत मिशन के तहत होगी वापसी
सरकार ने फंसे हुए भारतीयों के लौटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया(एसओपी) जारी की है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए भारत सरकार ने वंदे भारत मिशन’ की घोषणा की। इसके तहत सात मई से एअर इंडिया की 64 उड़ानों का परिचालन होगा।
नयी दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से खाड़ी देशों और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए भारत सरकार ने मंगलवार को ‘वंदे भारत मिशन’ की घोषणा की। इसके तहत सात मई से एअर इंडिया की 64 उड़ानों का परिचालन होगा तथा नौसेना के दो पोत भारतीयों को वापस लाने में लगाए जाएंगे। खाड़ी देशों, मलेशिया, ब्रिटेन ओर अमेरिका से भारतीयों को लाने के लिए विभिन्न एजेंसियों वाले अभियान का नाम ‘‘वंदे भारत मिशन दिया गया गया। इसके जरिये सरकारी विमानन कंपनी एअर इंडिया द्वारा 13 मई तक गैर-अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ानों का परिचालन किया जाएगा और 12 देशों से करीब 15 हजार भारतीयों को वापस लाया जाएगा। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली में ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इन उड़ानों से आने वाले लोगों को शुल्क देना होगा।
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उन्होंने कहा कि 13 मई तक भारतीयों को लाने के इस प्रयास से निजी विमानन कंपनियां भी जुड़ सकती हैं। पुरी ने बताया कि लंदन से दिल्ली की उड़ान के लिए 50 हजार रुपये प्रति यात्री और ढाका से दिल्ली की उड़ान के लिए 12 हजार रुपये प्रति यात्री शुल्क निर्धारित किया गया है। भारतीय नौसेना नेऑपरेशन ‘‘समुद्र सेतु’’ लांच करते हुए दो पोत को मालदीव की राजधानी माले मेंफंसे भारतीयों को लाने के लिए रवाना किये जो आठ मई को पहले चरण में भारतीयों को वापस लाएंगे। नौसेना की विज्ञप्ति के मुताबिक पहले चरण में आईएनएस जलाश्व और आईएनएस मगर के जरिये एक हजार लोगों को वापस लाने की योजना है। इन्हें कोच्चि तक लाया जाएगा। संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी से 200 यात्रियों को लेकर पहली उड़ान केरल के कोच्चि पहुंचेगी और पहले दिन इसी तरह की दुनिया के विभिन्न स्थानों से दस उड़ानों का परिचालन किया जाएगा। सरकार ने फंसे हुए भारतीयों के लौटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया(एसओपी) जारी की है।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव अजय भल्ला ने कहा कि प्राथमिकता उनको दी जाएगी जिनकी वापसी के ठोस कारण है जैसे उन प्रवासी कामगारों को जिनकी नौकरी छूट गई है या जिनकी वीजा अवधि सामप्त हो रही है। मंत्रालय के मुताबिक चिकित्सा आपात स्थिति का सामना कर रहे व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, और भारत में परिवार के सदस्य की मौत की वजह से वापसी के इच्छुक लोगों और छात्रों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक खाड़ी देशों के करीब तीन लाख लोगों ने वापसी के लिए पंजीकरण कराया है। सूत्रों ने बताया बताया कि विदेश मंत्रालय खाड़ी देशों में नौकरी छूटने की वजह से घर वापस आ रहे कुशल कामगारों का आंकड़ा रोजगार के लिए राज्यों और केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों को देगा। सूत्रों के मुताबिक खाड़ी क्षेत्र में करीब दस हजार भारतीय कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं और उनमें से 84 लोगों की मौत हुई है। विभिन्न एजेंसियो द्वारा शुरू वंदे भारत मिशन के तहत पहले खाड़ी देशों, पड़ोसी देशों, अमेरिका और ब्रिटेन में फंसे भारतीयों को लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक दुनिया के विभिन्न हिस्सों में करीब 1.4 करोड़ भारतीय रहते हैं।
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उल्लेखनीय है कि भारत ने नागरिकों को वापस लाने का सबसे बड़ा अभियान 1990 में ईराक और कुवैत के बीच हुए पहले खाड़ी युद्ध के दौरान शुरू किया गया था और तब कुवैत में फंसे 1.7 लाख भारतीयों को वापस लाया गया था। एअर इंडिया की 64 उड़ानें दस राज्यों में उतरेंगी जिनमें से 15 उड़ाने केरल में , 11-11 तमिलनाडु और दिल्ली में, सात-सात महाराष्ट्र और तेलंगाना में, पांच गुजरात में, तीन-तीन कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर में और एक-एक विमान पंजाब और उत्तर प्रदेश में उतरेंगे। पुरी ने बताया किएअर इंडिया और उसकी सहयोगी इंडिया एक्सप्रेस के विमान 12 देशों-संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपीन, बांग्लादेश, बहरीन, कुवैत और ओमान से उड़ान भरेंगे। उन्होंने बताया कि भारत सात मई से 13 मई के बीच संयुक्त अरब अमीरात के लिए 10, अमेरिका और ब्रिटेन के लिए सात-सात, सऊदी अरब के लिए पांच, सिंगापुर के लिए पांच और कतर के लिए दो उड़ानें भेजेगा। उन्होंने बताया कि इसी तरह मलेशिया और बांग्लादेश के लिए सात-सात, कुवैत और फिलीपीन के लिए पांच-पांच तथा ओमान एवं बहरीन के लिए दो-दो उड़ानें भेजी जाएंगी। भारत पहले ही चीन, जापान, ईरान और इटली से पिछले महीने 2,500 लोगों को वापस ला चुका है। आधिकारिक विज्ञप्त के मुताबिक केवल उन लोगों को यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं होंगे और ऐसे लोगों को आरोग्य सेतु ऐप पर पंजीकरण करना होगा।
Commenced preparations for Vande Bharat Mission. Planning underway for stranded Indian nationals to return home starting 7th May. Urge them to keep in regular touch with their Embassies. pic.twitter.com/uFtNijO3DO
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 5, 2020
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