अभिभावकों के हितों की रक्षा करना सरकार का कर्तव्य है: अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार का यह कर्तव्य है कि वह अभिभावकों के हितों की रक्षा करें और यह सुनिश्चित करें कि स्कूल वित्तीय रूप से सक्षम बनें रहे।
नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार का यह कर्तव्य है कि वह अभिभावकों के हितों की रक्षा करें और यह सुनिश्चित करें कि स्कूल वित्तीय रूप से सक्षम बनें रहे।
सातवें वेतन आयोग को लागू करने के नाम पर फीस बढ़ाने वाले एक स्कूल के खिलाफ कार्रवाई किये जाने का आदेश देने के एक दिन बाद केजरीवाल ने कई ट्वीट करके कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसी सरकार है जिसने अवैध रूप से निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से रोक दिया और कुछ स्कूलों को अवैध रूप से बढाई गई फीस को वापस देने को मजबूर किया। सरकार का यह कर्तव्य है कि वह अभिभावकों के हितों की रक्षा करें और यह भी सुनिश्चित करें कि स्कूल वित्तीय रूप से व्यवहार्य बन रहें।
इस बीच केजरीवाल ने दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो लाइन (डीएईएमएल) के रियायत समझौते को समाप्त करने के संबंध में कथित लापरवाही और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच कराने की मांग की। केन्द्रीय शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी को लिखे एक पत्र में केजरीवाल ने कहा कि उन्हें डीएईएमएल के रियायत समझौता समाप्त होने के कारण दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के समक्ष लगभग पांच करोड़ रुपये की आगामी देयता के बारे में रिपोर्ट प्राप्त हुई है।
इस पत्र की एक प्रति केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी भेजी गई है। डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
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