राज्यपाल का घर बहुमत साबित करने का स्थान नहीं: फारूक अब्दुल्ला
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की स्थिति पर दिलीप पडगांवकर समिति ने सभी से बात करके एक रिपोर्ट तैयार की लेकिन रिपोर्ट कहां है।उन्होंने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया है लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं है।
नयी दिल्ली। नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर में राज्य विधानसभा भंग करने के राज्यपाल के फैसले पर सवाल उठाते हुए शुक्रवार को लोकसभा में सुझाव दिया कि कश्मीर के विषय के समाधान के लिये पड़ोसी देश से बात करना चाहिए। जम्मू कश्मीर राज्य में संविधान के अनुच्छेद 356 जारी करने की उद्घोषणा पर सांविधिक संकल्प पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य कठिन परिस्थितयों से गुजर रहा है और इसका समाधान सेना या पुलिस नहीं है।
LS Live : Statutory Resolution on the Proclamation issued by the President on the 19th December, 2018 under article 356 of the Constitution of India in relation to the State of Jammu and Kashmir. pic.twitter.com/cxrns6G6qQ
— Lok Sabha TV (@loksabhatv) December 28, 2018
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की स्थिति पर दिलीप पडगांवकर समिति ने सभी से बात करके एक रिपोर्ट तैयार की लेकिन रिपोर्ट कहां है।उन्होंने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया है लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं है। जम्मू कश्मीर के विकास के लिये काफी प्रयास किये जाने की जरूरत है। जम्मू, लद्दाख और कश्मीर की अलग अलग स्थितियां हैं और सभी को समग्र दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है। नेकां नेता ने कहा, ‘‘कश्मीर समस्या का तब तक कोई समाधान नहीं निकल सकता जब तक कि हमारे पड़ोसी देश (पाकिस्तान) से बात नहीं की जाती।’’
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फारूक अब्दुल्ला ने नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस के प्रस्तावित गठबंधन द्वारा राज्य में सरकार बनाने के प्रयास का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य के राज्यपाल की फैक्स मशीन काम नहीं कर रही थी, फोन काम नहीं कर रहा था। ऐसे में वह कहना चाहेंगे कि राज्यपाल का आवास बहुमत साबित करने का स्थान नहीं है, यह स्थान विधानसभा ही है। राज्यपाल ने इंतजार नहीं किया और विधानसभा भंग कर दी। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने करतापुर साहिब गलियारे की तरह से ही शारदापीठ कारिडोर बनाये जाने की मांग की। उन्होंने राजनीतिक दलों से राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में सहयोग करने का आग्रह किया।
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