गोविंदाचार्य ने PM मोदी को लिखा खत, कहा- कानून में संशोधन कर बनवाए राम मंदिर

govindacharya-wrote-letter-to-pm-modi-said-ram-mandir-built-by-amendment-in-law
[email protected] । Nov 4 2018 10:14AM

केंद्र ने इसके लिए कानून बनाया था जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने 1994 के फैसले में मान्यता भी दे दी थी। भूमि के मिल्कियत विवाद में सरकार को भूमि अधिग्रहण का पूरा अधिकार है।

नयी दिल्ली। भाजपा के पूर्व नेता और विचारक के एन गोविंदाचार्य ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि 1993 के कानून में सरकार अध्यादेश के द्वारा संशोधन करके राम जन्मभूमि परिसर की पूरी जमीन का अधिग्रहण करे जिससे अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण हो सके। पत्र में गोविंदाचार्य ने कहा है कि "राम जन्मभूमि की 2.77 एकड़ जमीन समेत पूरे परिसर की 67 एकड़ भूमि का स्वामित्व 1993 से केंद्र सरकार के पास है। केंद्र ने इसके लिए कानून बनाया था जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने 1994 के फैसले में मान्यता भी दे दी थी। भूमि के मिल्कियत विवाद में सरकार को भूमि अधिग्रहण का पूरा अधिकार है।"

गोविंदाचार्य ने कहा है कि "तत्कालीन नरसिंहा राव सरकार द्वारा बनाए गए उपरोक्त कानून में भूमि के इस्तेमाल पर लगाई गई पाबंदियों को भी उच्चतम न्यायालय ने सही ठहराया था। इसी वजह से मंदिर निर्माण में संवैधानिक अड़चन आ रही है।" उन्होंने मांग की है कि 1993 के कानून में सरकार अध्यादेश के द्वारा संशोधन करके राम जन्मभूमि परिसर की पूरी जमीन का अधिग्रहण करे जिससे रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण हो सके। भाजपा के पूर्व नेता ने सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति के रिकॉर्ड समय में निर्माण के लिए देशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि "इसी तेजी के साथ अयोध्या में श्री राम मंदिर जन्म भूमि पर मंदिर का निर्माण भी हो जाए तो जनता द्वारा आपके लिए दिया गया ऐतिहासिक जनादेश सार्थक होगा।" 

गोविंदाचार्य ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्ष 2011 में लगाई गई रोक और इस मामले में अंतिम सुनवाई शुरू नहीं होने का उल्लेख करते हुए सरकार से इस मामले में औपचारिक पक्षकार बनकर पूरा पक्ष प्रस्तुत करने की मांग की है। गोविंदाचार्य ने कहा है कि सिविल प्रोसिजर कोड कानून के तहत जमीन की मिल्कियत के मुकदमे में भू स्वामी का पक्षकार होना जरूरी है तो फिर इस मुकदमे में केंद्र सरकार पार्टी बनकर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त क्यों नहीं करती।गोविंदाचार्य ने कहा है कि राम की ऐतिहासिकता को अदालतों ने माना है और वर्तमान मामला सिर्फ भूमि की मिल्कियत का है। गर्भगृह के समीप स्थानों की पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खुदाई में रामलला के प्राचीन मंदिर के अनेक अवशेष और प्रमाण मिले हैं। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़