जाते-जाते मोदी को आई लोकपाल की याद, किया सर्च कमेटी का गठन

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[email protected] । Sep 28 2018 11:43AM

केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार रोधी संस्था लोकपाल के अध्यक्ष और इसके सदस्यों के नामों की सिफारिश करने के लिए आठ सदस्यीय एक खोज समिति का गुरूवार को गठन किया।

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार रोधी संस्था लोकपाल के अध्यक्ष और इसके सदस्यों के नामों की सिफारिश करने के लिए आठ सदस्यीय एक खोज समिति का गुरूवार को गठन किया। समिति की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई करेंगी। कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की पूर्व अध्यक्ष अरूंधति भट्टाचार्य, प्रसार भारती के अध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख ए एस किरन कुमार खोज समिति के सदस्य हैं।

उनके अलावा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सखा राम सिंह यादव, गुजरात पुलिस के पूर्व प्रमुख शब्बीर हुसैन एस खंडवावाला, राजस्थान कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ललित के. पवार और पूर्व सॉलीसीटर जनरल रंजीत कुमार समिति के अन्य सदस्यों में शामिल हैं। आठ सदस्यीय खोज समिति को लोकपाल और इसके सदस्यों की नियुक्ति के लिए नामों की एक सूची की सिफारिश करने का अधिकार दिया गया है। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर बताया, ‘लोकपाल चयन की प्रक्रिया लोकपाल अधिनियम में निर्धारित दिशानिर्देशों के मुताबिक आगे बढ़ रही है।’

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह कदम काफी मायने रखता है क्योंकि सरकार ने खोज समिति के गठन के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है जबकि लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली लोकपाल चयन समिति की बैठकों का बहिष्कार किया है। उन्होंने कहा कि लोकपाल के गठन की दिशा में खोज समिति एक बड़ा कदम है। समिति जल्द ही अपना कामकाज शुरू करेगी। लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम को 2013 में पारित किए जाने के चार साल बाद खोज समिति का गठन करने का फैसला किया गया है। 

खड़गे इस आधार पर चयन समिति की बैठकों का बहिष्कार करते आ रहे थे कि उन्हें समिति का पूर्णकालिक सदस्य नहीं बनाया गया था। उन्होंने चयन समिति की बैठकों में शामिल होने के लिए विशेष आमंत्रित के तौर पर इस साल छह मौकों (एक मार्च, 10 अप्रैल, 19 जुलाई, 21 अगस्त, चार सितंबर और 19 सितंबर) पर उन्हें दिए गए न्यौते को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि खड़गे ने सरकार से लोकपाल अधिनियम में संशोधन करने का अनुरोध किया था, ताकि लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को चयन समिति में शामिल किया जा सके और इस सिलसिले में एक अध्यादेश लाया जाए। 

दरअसल, लोकपाल अधिनियम के मुताबिक लोकसभा में विपक्ष के नेता ही चयन समिति के सदस्य हो सकते हैं जबकि खड़गे को यह दर्जा हासिल नहीं है, इसलिए वह समिति का हिस्सा नहीं हैं। लोकपाल चयन समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं। इसके सदस्यों में लोकसभा स्पीकर, निचले सदन (लोकसभा) में विपक्ष के नेता, देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) या उनके द्वारा नामित शीर्ष न्यायालय के कोई न्यायाधीश और राष्ट्रपति द्वारा नामित किए जाने वाले एक प्रख्यात न्यायविद या अन्य शामिल हैं। 

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