सरकार को उम्मीद, सामान्य कार्यक्रम के अनुसार ही होगा संसद का मानसून सत्र

prahlad
अंकित सिंह । Jun 8 2021 4:54PM

जब से यह महामारी शुरू हुई है तब से संसद के तीन सत्रों की अवधि घटायी गयी है और पिछले साल तो शीतकालीन सत्र रद्द ही करना पड़ गया था। सूत्रों ने बताया कि इस साल मानसून सत्र के आयोजन के तौर तरीकों पर अभी चर्चा चल रही है।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश की रफ्तार को कम कर दिया था। हालांकि, एक बार फिर से मामलों में कमी देखी जा रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब कामकाज एक बार फिर से शुरू हो सकता है। कोरोना संक्रमण के कारण ही संसद का बजट सत्र बीच में ही स्थगित करना पड़ा था। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या सामान्य कार्यक्रम के अनुसार ही संसद का मानसून सत्र शुरू हो पाएगा? इसी को लेकर आज संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद पटेल से सवाल किया गया। प्रह्लाद पटेल ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि संसद का मानसून सत्र जुलाई में अपने सामान्य कार्यक्रम के अनुसार ही होगा।

जब से यह महामारी शुरू हुई है तब से संसद के तीन सत्रों की अवधि घटायी गयी है और पिछले साल तो शीतकालीन सत्र रद्द ही करना पड़ गया था। सूत्रों ने बताया कि इस साल मानसून सत्र के आयोजन के तौर तरीकों पर अभी चर्चा चल रही है। जोशी कहा, ‘‘ मैं आशान्वित हूं कि संसद सत्र जुलाई में शुरू होकर सामान्य कार्यक्रम के हिसाब से चलेगा। हम संसद चलाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हमें उम्मीद है कि जुलाई में सांसदों और संसद के कर्मचारियों का टीकाकरण कर लिया जाएगा।’’ प्रशासन को जुलाई में यह सत्र आयोजित करने का पूरा विश्वास है क्योंकि ज्यादातर सांसदों, लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों के ज्यादातर कर्मियों एवं अन्य संबंधित पक्षों को कोरोना वायरस टीके की कम से कम एक खुराक तक लग चुकी है।

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आपको बता दें कि भारत में 63 दिन बाद 24 घंटे में कोविड-19 के एक लाख से कम मामले सामने आए और नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर भी गिरकर 4.62 प्रतिशत हो गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में 66 दिन बाद 24 घंटे में सबसे कम 86,498 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,89,96,473 हो गई है। इससे पहले दो अप्रैल को 24 घंटे में 81,466 नए मामले सामने आए थे। वहीं, 2,123 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,51,309 हो गई। देश में 47 दिन बाद संक्रमण से मौत के इतने कम मामले सामने आए हैं। 

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