राजस्थान सरकार जनकल्याण के काम करने में कोई कमी नहीं रखेगी: गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन विधेयकों पर चर्चा के दौरान आए सुझावों का जिक्र करते हुए सदस्यों से कहा कि आप निश्चित रहें सदन की जो भावना होगी, सदस्यों के जो सुझाव राज्यहित में हैं जनहित में है व जनकल्याणकारी योजनाओं का समर्थन करते हैं हम लोग कमी नहीं रखेंगे काम करने में।
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार जनकल्याण के काम करने में कोई कमी नहीं रखेगी और इस संबंध में सदन में आने वाले जनहित के सुझावों को भी ध्यान में रखा जाएगा। राज्य विधानसभा ने विनियोग व वित्त विधेयकों को मुखबंद से पारित कर दिया। गहलोत ने इन विधेयकों पर चर्चा के दौरान आए सुझावों का जिक्र करते हुए सदस्यों से कहा, ‘आप निश्चित रहें सदन की जो भावना होगी, सदस्यों के जो सुझाव राज्यहित में हैं जनहित में है व जनकल्याणकारी योजनाओं का समर्थन करते हैं हम लोग कमी नहीं रखेंगे काम करने में।’ उन्होंने कहा कि इतिहास रहा है हम लोगों का... पिछली बार भी जब हमारी सरकार थी तो जो कहा करके दिखाया। हालांकि, वह आपको रेवड़ियां लगी थीं। रेवड़ियां बंट रही हैं राजस्थान के अंदर। वे रेवड़ियां नहीं थीं वे जनकल्याण के काम थे।
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इसके साथ ही गहलोत ने तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा अपने संशोधित बजट भाषण2014-15 में उन्हें ‘लापरवाह मुखिया’ बताए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे ने उनके पूर्व कार्यकाल 2008-13 पर टिप्पणी करते हुए 2014-15 में अपने संशोधित बजट में उनके बारे में सदन में कहा, ‘‘अफसोस की बात है कि इतना कर्ज लेकर भी इसको प्रॉडक्टिव कैपिटल एक्सपेंडीचर पर नहीं लगाया बल्कि परिवार के एक लापरवाह मुखिया की तरह केवल राजस्व खर्चे बढ़ाने पर खर्च किया गया।’’ गहलोत ने कहा कि पिछले कार्यकाल में उनकी सरकार ने पूंजीगत व्यय पर 91.3 प्रतिशत राशि खर्च की जबकि वसुंधरा राजे सरकार में यह केवल 53.91 प्रतिशत रहा। उन्होंने ने कहा, ‘मैं पूछना चाहूंगा कि बताइए परिवार का कौन सा मुखिया लापरवाह है या था। समझ सकते हो आप। यह आंकड़े हैं मैं अपनी तरफ से नहीं बोल रहा हूं। 91 प्रतिशत हम खर्च कर रहे हैं और वह कह रह थीं लापरवाह मुखिया...लापरवाह मुखिया के रूप में तो वह सिद्ध हुई हैं और वे मुझे जिम्मेदार ठहरा रही थीं।’
प्रदेश के 7 राजकीय महाविद्यालयों-पोकरण (जैसलमेर) एवं जैसलमेर मुख्यालय; कामां (भरतपुर); ब्यावर (अजमेर); राजकीय महाविद्यालय नागौर; कन्या महाविद्यालय, नागौर; बांगड़ महाविद्यालय, डीडवाना (नागौर) में उर्दू साहित्य विषय प्रारंभ किया जायेगा।#Rajasthan
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 29, 2019
इसके साथ ही गहलोत ने कई नयी घोषणाएं भी कीं। उन्होंने कहा, ‘‘दौसा जिले के बांदीकुई सिकंदरा, अलवर जिले के बहरोड़ लक्ष्मणगढ, जोधपुर के तिवरी मथानिया, हितमसर तहसील एवं जिला झुंझुनू प्रतापगढ़ और हनुमानगढ़ जिला मुख्यालयों में नवीन कन्या महाविद्यालय खोले जाएंगे। भिवाड़ी में बाबा मोहन राव किसान महाविद्यालय को राजकीय महाविद्यालय घोषित किया जाएगा।’’ गहलोत ने कहा कि राजसमंद के रेलमगरा, जयपुर के जमवारामगढ, बांरा के शाहबाद और नागौर के नांवा कस्बे में नवीन महाविद्यालय खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के सात राजकीय महाविद्यालयों पोकरण-जैसलमेर,एवं जैसलमेर मुख्यालय, कांमा भरतपुर, ब्यावर अजमेर, राजकीय महाविद्यालय नागौर, कन्या महाविद्यालय नागौर,मांगड महाविद्यालय, डीडवाना में उर्दू साहित्य विषय प्रारंभ किया जायेगा।
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गहलोत ने कहा कि राज्य के आदिवासी क्षेत्र डूंगरपुर में शिक्षा की अलग जगाने के लिये 19 जून 1947 को तरूण अवस्था में ही अपने प्राणों की बलिदान देने वाली काली बाई भील की स्मृति में काली बाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना प्रारंभ की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में चल रही मेधावी छात्राओं की विभिन्न स्कूटी योजना को एकीकृत किया जायेगा।जयपुर के भारतीय शिल्प संस्थान, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फेशन टेक्नोलोजी : निफ्ट: की तर्ज पर क्राफ्ट एडं डिजाइन के क्षेत्र में डिग्री प्रदान कर सके इसके लिये अधिनियम बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की एक श्रेणी हाल ही मे बनी है इस श्रेणी के लोगों को लाभ देने में प्रारंभिक कठिनाईयां आ रही है इस कठिनाई को दूर करने के लिये एक मंत्री समूह का गठन किया जायेगा। उन्होंने कहा किविधान सभा के विधायकों के लिये जयपुर में सरकारी आवास और उसकी नियमित मेंटीनेंस मेंबहुत समस्याएं रहती है। इस पर विचार करने के लिये मंत्रीमंडलीय समिति गठित की जायेगी।
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