बिहार में जीएसटी की चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड

GST Scam
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विभाग ने कहा कि जांच के दौरान फर्म के पंजीकरण के समय उल्लेखित व्यवसाय के मुख्य स्थान (मधुबनी जिला)में कोई व्यावसायिक गतिविधि क्रियाशील नहीं पाई गई। यह एक अस्तित्वहीन फर्म थी। हालांकि फर्म के मालिक का पता लगाया गया और यह पाया गया कि वह एक ग्रामीण महिला थी और किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल नहीं थी।

पटना| बिहार के वाणिज्यिक कर विभाग ने जीएसटी की चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड किया है। वाणिज्यिक कर विभाग ने शुक्रवार को एक फर्म के खिलाफ कथित रूप से 73 करोड़ रुपये के कोयले की फर्जी बिक्री में शामिल होने और जीएसटी की चोरी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की।

विभाग की जांच से पता चला है कि उक्त फर्म अस्तित्वहीन है, और उसके द्वारा बिना किसी खरीद के 73 करोड़ रुपये का कोयला बेचा गया और फर्जी जीएसटी आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के माध्यम से कर की कुल राशि का भुगतान किया गया था।

विभाग ने कहा कि जांच के दौरान फर्म के पंजीकरण के समय उल्लेखित व्यवसाय के मुख्य स्थान (मधुबनी जिला) में कोई व्यावसायिक गतिविधि क्रियाशील नहीं पाई गई। यह एक अस्तित्वहीन फर्म थी। हालांकि फर्म के मालिक का पता लगाया गया और यह पाया गया कि वह एक ग्रामीण महिला थी और किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल नहीं थी।

आगे की जांच से पता चला कि उक्त आस्तित्वहीन फर्म फर्जी जीएसटी आईटीसी रैकेट का हिस्सा है। विभाग ने बताया कि उक्त फर्जी फर्म ने झारखंड से 14, बिहार से दो और उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल से एक-एक सहित कुल 19 फर्मों को कोयले की आपूर्ति की है।

विश्लेषण के प्रारंभिक चरण के दौरान यह पाया गया कि झारखंड की उन 14 फर्मों में से चार फर्मों का पंजीकरण कर अधिकारियों द्वारा रद्द कर दिया गया है जबकि बाकी 10 फर्में नई पंजीकृत हैं।

झारखंड में फर्जी चालान के माध्यम से फर्जी आईटीसी प्राप्त किए गए हैं और इस आपूर्ति श्रृंखला में बिहार से 1075 फर्म और बिहार के बाहर स्थित 1031 फर्म शामिल हैं। इन लाभार्थियों में रक्सौल स्थित एक फर्म की पहचान की गई है जो माल निर्यात कर रही है।

विभाग की आयुक्त सह सचिव प्रतिमा ने संवाददाताओं से कहा कि इस सिंडिकेट में शामिल फर्मों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग आगे इस बात की भी जांच करेगा कि इस सिंडिकेट का वास्तविक संचालक कौन है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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