पलायन रोकने के लिए प्रवासी कामगारों से मुलाकात कर रहा है गुजरात प्रशासन

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[email protected] । Oct 14 2018 10:30AM

अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और अन्य प्रभावित जिलों के कलेक्टरों ने भी बड़ी प्रवासी आबादी वाले इलाकों का दौरा किया और प्रवासियों के साथ समय बिताया तथा सुरक्षा को लेकर उनकी चिंताओं का निराकरण किया।

अहमदाबाद। गुजरात के जिलों में अधिकारी हिंदी भाषी प्रवासी कामगारों को रुकने के लिए मना रहे हैं। राज्य में 14 माह की बच्ची से बलात्कार के बाद प्रवासी कामगारों पर हमले हो रहे हैं जिसके चलते वे गुजरात से पलायन कर रहे हैं। साबरकांठा जिले में 28 सितंबर को बच्ची से बलात्कार के आरोप में बिहार के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद गैर गुजरातियों को निशाना बनाया गया। हमलों के बाद हिंदी भाषी कामगार गुजरात से जाने लगे।

मुख्य सचिव जे एन सिंह ने प्रभावित जिलों के कलेक्टरों को हिंदी भाषी लोगों के पास जाकर उनमें भरोसा कायम करने के निर्देश दिए हैं। इस कदम के तहत अरवल्ली जिले के कलेक्टर एन नागराजन ने पुलिस अधीक्षक मयूर पाटिल के साथ गुरुवार को मध्य प्रदेश के एक प्रवासी कामगार के स्टॉल से ‘पानी पूरी’ खाई। उन्होंने प्रवासियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की तस्वीरें भी साझा की।

अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और अन्य प्रभावित जिलों के कलेक्टरों ने भी बड़ी प्रवासी आबादी वाले इलाकों का दौरा किया और प्रवासियों के साथ समय बिताया तथा सुरक्षा को लेकर उनकी चिंताओं का निराकरण किया। पिछले कुछ दिनों में उन्होंने हिंदी भाषी प्रवासियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों के नेताओं के साथ भी बैठकें की। ज्यादातर प्रवासी गुजरात के औद्योगिक क्षेत्रों में नौकरी करते हैं।

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