गुजरात के मंत्री चूड़ास्मा ने अपना निर्वाचन रद्द किए जाने के फैसले को SC में दी चुनौती

Supreme Court

अपील में तर्क दिया गया है कि उच्च न्यायालय इस तथ्य को समझने में विफल रहा कि इस चुनाव में पराजित कांग्रेस के प्रत्याशी अश्विन राठौड़ ने किसी भी मुद्दे पर कोई ठोस और भरोसेमंद साक्ष्य पेश नहीं किया।

नयी दिल्ली। गुजरात के कानून मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूड़ास्मा ने 2017 का निर्वाचन कदाचार और हेराफेरी के आधार पर रद्द करने के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ बुधवार को उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की। चूड़ास्मा ने अपनी अपील में उच्च न्यायालय का मंगलवार का आदेश निरस्त करने का अनुरोध करते हुये दलील दी है कि यह त्रुटिपूर्ण है। अपील में तर्क दिया गया है कि उच्च न्यायालय इस तथ्य को समझने में विफल रहा कि इस चुनाव में पराजित कांग्रेस के प्रत्याशी अश्विन राठौड़ ने किसी भी मुद्दे पर कोई ठोस और भरोसेमंद साक्ष्य पेश नहीं किया। भाजपा के इस नेता ने अपनी अपील में कहा है कि इसलिए गुजरात विधानसभा के लिये 14 दिसंबर, 2017 को हुये चुनाव में ढोलकिया सीट से वह विधिवत निर्वाचित घोषित किये जाने के हकदार नहीं थे। 

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उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अपने फैसले में कहा कि निर्वाचन अधिकारी और भाजपा नेता की मिली भगत थी और डाक से आये मतपत्रों को गैरकानूनी तरीके से अस्वीकार किया गया था। राठौर ने विधानसभा की ढोलकिया सीट से चूड़ास्मा के निर्वाचन को चुनौती देते हुये उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इस चुनाव में राठौर ने महज 327 मतों से चूड़ास्मा को विजयी घोषित करने के निर्णय को चुनौती दी थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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