पटना साहिब गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी अपने घर पर रहस्यमयी परिस्थितियों में घायल अवस्था में मिले

Patna Sahib

चौक पुलिस थाने के प्रभारी गौरी शंकर ने बताया कि बृहस्पतिवार को सिंह की पत्नी ने यह पाया कि उनकी गर्दन पर चोट के निशान थे और काफी खून बह रहा था। थाना प्रभारी ने कहा कि उनके परिवार के सदस्य उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले गए और वहां से उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) ले जाया गया।

पटना, 14 जनवरी तख्त श्री हरमंदिर साहिब जी के मुख्य ग्रंथी भाई राजेंद्र सिंह यहां अपने आवास पर रहस्यमयी परिस्थितियों में घायल अवस्था में मिले।

पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। चौक पुलिस थाने के प्रभारी गौरी शंकर ने बताया कि बृहस्पतिवार को सिंह की पत्नी ने यह पाया कि उनकी गर्दन पर चोट के निशान थे और काफी खून बह रहा था। थाना प्रभारी ने कहा कि उनके परिवार के सदस्य उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले गए और वहां से उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) ले जाया गया।

उन्होंने कहा कि पुलिस ने अब तक कोई जांच शुरू नहीं की है क्योंकि इस संबंध में उनके परिवार की ओर से कोई शिकायत नहीं दी गई है। पुलिस अधिकारी ने पीटीआई- को बताया, “चौक पुलिस थाने को घटना की सूचना मिली है।

हमें बताया गया कि भाई राजेंद्र सिंह की गर्दन पर धारदार हथियार से वार किया गया है, लेकिन पुलिस उनके परिवार के सदस्यों की ओर से शिकायत प्राप्त किए बिना औपचारिक जांच शुरू नहीं कर सकती।”

पीटीआई- द्वारा बार-बार प्रयास किये जाने के बावजूद, न तो उनके परिवार के सदस्य और न ही तख्त श्री हरमंदिर साहिब जी के पदाधिकारी इस घटना पर टिप्पणी के लिए उपलब्ध हुए। इस गुरुद्वारे को तख्त श्री पटना साहिब भी कहा जाता है। ग्रंथी , सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब के संरक्षक के रूप में कार्य करते हैं।

पटना श्री हरमंदिर साहिब जी सिखों के 10वें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह का जन्मस्थान है। महाराजा रणजीत सिंह ने उस स्थान पर गुरुद्वारा बनवाया था। गुरु गोबिंद सिंह का जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना में हुआ था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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