हैकर्स अब हमारे बेडरूम तक पहुंच गए, देश को साइबर सिक्योरिटी की नितांत आवश्यकता: अमर साबले
टेक्निकल तरीके से वीडियो को साइट से डिलीट किया, बताया गया कि ऐसे कई और भी मामले सामने आ सकते हैं। साबले ने बताया, दो साल पहले वॉशिंगटन में स्मार्ट होम डिवाइसेस के खतरों पर हुई कॉन्फ्रेंस में प्राइवेसी एक्सपर्ट ने माना था कि, स्मार्ट होम गैजेट के पास इतना डेटा होता है, जिससे प्राइवेसी को खतरा हो सकता है।
नई दिल्ली। सांसद अमर साबले ने राज्यसभा में शून्य काल में सायबर सिक्योरिटी का विषय उठाया। साबले ने कहा, वैश्विक स्तर पर टेक्नालॉजी और इन्टरनेट में दिनों दिन नए-नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। टेक्नालॉजी के फायदे हैं, तो उसके नुकसान भी बहुत हैं। इसका दुरुपयोग कई बार हमें शर्मसार कर सकता है। बेडरूम में स्मार्ट टीवी का होना खतरनाक है। उसके दुरुपयोग के दो मामले सामने आए हैं। हेकर्स अब हमारे बेडरूम तक पहुँच गए हैं, अभी हाल में ही सूरत में दो घरों में हेकर्स ने अंतरंग पलों का वीडियो बनाया। स्मार्ट टीवी से बेडरूम के निजी पलों की जासूसी की दो दिनों में दो घटनाएं सामने आई है। हैकर ने बिना किसी सिस्टम के ही स्मार्ट टीवी से पहले दंपती के निजी पलों का वीडियो बनाया और फिर नेट पर डाल दिया। घटना का पता तब जब दंपती ने वीडियो नेट पर देखा। नेट पर वीडियो देखकर वह हैरान रह गया। इस परेशानी से निजात पाने के लिए साइबर क्राइम एक्सपर्ट से सलाह ले रहे हैं। घटना के सामने आने के बाद बेडरूम से स्मार्ट टीवी हटाने का भी सिलसिला शुरू हुआ है, लोग सहमे हुए हैं। यद्यपि साइबर एक्सपर्ट की वीडियो डिलीट करवा दिया और आगे की सुरक्षा की सलाह दिया है।
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टेक्निकल तरीके से वीडियो को साइट से डिलीट किया, बताया गया कि ऐसे कई और भी मामले सामने आ सकते हैं। साबले ने बताया, दो साल पहले वॉशिंगटन में स्मार्ट होम डिवाइसेस के खतरों पर हुई कॉन्फ्रेंस में प्राइवेसी एक्सपर्ट ने माना था कि, स्मार्ट होम गैजेट के पास इतना डेटा होता है, जिससे प्राइवेसी को खतरा हो सकता है। ड्यूक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अश्विन मैकहैनव झाला ने बताया था कि स्मार्ट मीटर आपको बता सकते हैं कि आपके घर पर कोई है और किस एप्लायंसेस का उपयोग कर रहा है। स्मार्ट टीवी और वॉयस असिस्टेंट बातचीत को रिकॉर्ड कर सकते हैं, जिनमें से कुछ को थर्ड पार्टी के साथ साझा भी किया जा सकता है। स्मार्ट डिवाइसेस डेटा को क्लाउड में भेज देती हैं, ताकि डेटा को एल्गोरिदम के जरिए एनालाइज किया जा सके। एक बार जब डेटा को क्लाउड में भेज दिया जाता है, तो यूजर उस डेटा पर अपना कंट्रोल खो देते हैं। इसके बाद आपकी निजता खतरे में पड़ जाती है। यह चिंता का विषय है इस पर कड़ी कार्रवाई की जाए ऐसी मांग सांसद साबले ने की।
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