Shimla और आसपास के क्षेत्रों में ओलावृष्टि, गरज के साथ बौछारें
आसमान में काले बादल छा गये एवं बर्फीली हवा चली। गरज के साथ बौछारों और ओलावृष्टि के कारण तापमान घट गया जो पिछले कुछ दिनों से सामान्य से आठ-10 डिग्री सेल्सियस अधिक था। ओलावृष्टि से किसानों की परेशानियां बढ़ गयी हैं जो समय से पहले फलों के पेड़ों पर पुष्पन से चिंतित थे।
शिमला और उसके आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार दोपहर को ओलावृष्टि हुई तथा इस दौरान दृश्यता घटने सेवाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। क्षेत्र में सड़कों एवं मकानों की छतों पर ओले जमा हो गये। रास्तों पर ओलों के कारण फिसलन बढ़ गयी एवं गाड़ी चलाना खतरनाक हो गया। आसमान में काले बादल छा गये एवं बर्फीली हवा चली। गरज के साथ बौछारों और ओलावृष्टि के कारण तापमान घट गया जो पिछले कुछ दिनों से सामान्य से आठ-10 डिग्री सेल्सियस अधिक था। ओलावृष्टि से किसानों की परेशानियां बढ़ गयी हैं जो समय से पहले फलों के पेड़ों पर पुष्पन से चिंतित थे।
इस बीच ऊंचाई वाले क्षेत्रों एवं आदिवासी क्षेत्रों में फिर हिमपात हुआ। कोकसार में 17 सेंटीमीटर , गोंडला में 12 सेंटीमीटर, कुकुमसेरी में नौ सेंटीमीटर, किलोंग में छह सेंटीमीटर, कुफरी में दो सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। निचले और मध्य पहाड़ों के कुछ हिस्सों में रूक-रूक कर वर्षा हुई। शिमला में सबसे अधिक 19 मिलीमीटर वर्षा हुई जबकि मनाली में 14 मिलीमीटर, हमीरपुर में छह मिलीमीटर, भरमौर और कोठी में पांच -पांच मिलीमीटर, नरकांडा में चार मिलीमीटर और सलोनी में एक मिलीमीटर वर्षा हुई। स्थानीय मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के दौरान इस क्षेत्र में मौसम शुष्क रहने तथा मध्य एवं ऊंचे पहाड़ों पर छिटपुट स्थानों पर हिमपात एवं वर्षा होने का अनुमान लगाया है।
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