HC ने राजद्रोह मामले में जफरुल इस्लाम खान को दी अग्रिम जमानत

Zafarul Islam Khan

अदालत अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर के जरिए दायर खान की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उनकी उम्र, स्वास्थ्य जोखिमों और कोरोना संक्रमण के खतरे का हवाला देते हुए राजद्रोह के मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध किया गया था।

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) के पूर्व प्रमुख जफरुल इस्लाम खान को राजद्रोह के एक मामले में शुक्रवार को अग्रिम जमानत दे दी। न्यायाधीश मनोज कुमार ओहरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई करते हुए 72 वर्षीय खान को राहत दी जब पुलिस ने कहा कि आगे की जांच के लिए उनकी जरूरत नहीं है। आयोग में खान का कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ है। अदालत अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर के जरिए दायर खान की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उनकी उम्र, स्वास्थ्य जोखिमों और कोरोना संक्रमण के खतरे का हवाला देते हुए राजद्रोह के मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध किया गया था। 

इसे भी पढ़ें: जफरुल इस्लाम खान ने सोशल मीडिया पर किया था विवादास्पद पोस्ट, राजद्रोह का मामला दर्ज 

बता दें कि 28 अप्रैल को खान ने सोशल मीडिया पर अपने आधिकारिक पेज से एक पोस्ट किया था जिसमें कथित तौर पर राजद्रोही एवं घृणास्पद टिप्पणियां थी। दो मई को, एक शिकायत के आधार पर, दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने खान के खिलाफ राजद्रोह और विभिन्न समूहों के बीच धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, निवास और के आधार पर घृणा भाव फैलाने के कथित अपराधों के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए और 153ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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