स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया साफ, CoWIN पोर्टल से कोई डेटा नहीं हुआ लीक
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि खबरों की सच्चाई में वह पड़ताल करेगा क्योंकि को-विन लोगों का ना तो पता और ना ही कोविड-19 टीकाकरण के लिए आरटी-पीसीआर जांच के नतीजे एकत्र करता है।
देश में ‘को-विन’ पोर्टल के जरिए कोरोना टीकाकरण अभियान काफी तेजी से चल रहा है। ‘को-विन’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के जरिए करोड़ों लोगों ने कोरोना वैक्सीन लगवाई है। हालांकि अब ‘को-विन’ पोर्टल को लेकर कई सवाल उठने शुरू हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि ‘को-विन’ पोर्टल में एकत्रित डाटा लीक हो गया है। इसी को लेकर अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने सफाई दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जोर देते हुए कहा कि ‘को-विन’ पोर्टल से कोई डेटा लीक नहीं हुआ है तथा लोगों के बारे में पूरी जानकारी सुरक्षित है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया कि यह डिजिटल मंच किसी व्यक्ति का ना तो पता और ना ही कोविड-19 टीकाकरण के लिए आरटी-पीसीआर जांच के नतीजों को एकत्र करता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि को-विन पोर्टल की डेटा लीक होने की खबर प्रथम दृष्टया सत्य नहीं है। हालांकि स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय ने खबरों की सच्चाई के बारे में पता भी लगाने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि खबरों की सच्चाई में वह पड़ताल करेगा क्योंकि को-विन लोगों का ना तो पता और ना ही कोविड-19 टीकाकरण के लिए आरटी-पीसीआर जांच के नतीजे एकत्र करता है। आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट लगातार यह दावा कर रही है कि भारत के हजारों लोगों का व्यक्तिगत डेटा एक सरकारी सर्वर से लीक हुआ है। साथ ही साथ, यह भी कहा जा रहा है कि इसमें उनका नाम, मोबाइल नंबर, पता और कोरोना टेस्ट के परिणाम है।There have been several media reports claiming that the data stored in Co-WIN portal has been leaked online. It is clarified that no data has leaked from Co-WIN portal and the entire data of residents is safe and secure on this digital platform: Government of India pic.twitter.com/rOAhTrTW9m
— ANI (@ANI) January 21, 2022
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टीकाकरण के लिए कोविन के जरिये अब छह लोग करा सकते हैं पंजीकरण: केंद्र
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ‘कोविन’ पर एक मोबाइल नंबर से अब चार की बजाय छह लोग पंजीकरण करवा सकते हैं। मंत्रालय ने कहा कि कोविन के “रेज एन इश्यू” सेक्शन के तहत एक और सुविधा शुरू की गई है जिससे लाभार्थी टीकाकरण की वर्तमान स्थिति को ‘पूर्ण टीकाकरण’ से ‘आंशिक टीकाकरण’ या ‘बगैर टीकाकरण’ और ‘आंशिक टीकाकरण’ से ‘बगैर टीकाकरण’ में बदल सकता है। मंत्रालय ने कहा, “कुछ मामलों में जहां अनजाने में गलती से टीकाकरण प्रमाण पत्र जारी हो जाता है, लाभार्थी टीकाकरण की स्थिति को ठीक कर सकते हैं।” मंत्रालय ने कहा कि “रेज एन इश्यू” के जरिये ऑनलाइन अनुरोध करने के तीन से सात दिन के भीतर परिवर्तन हो सकता है।
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