बिहार में बाढ़ है और मस्ती में सरकार है !
तीन दिनों से अपने निजी आवास में फंसे उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को बाहर निकाल लिया गया है। वहीं, रामविलास पासवान, प्रेम कुमार, राजीव प्रताप रूडी, अजय आलोक जैसे नेताओं के आवास में भी भयंकर जलजमाव है।
पिछले चार दिनों से बिहार के कई हिस्सों में आफत की बारिश जारी है। इस बारिश से कई जिले भयंकर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं और अब तक 25 लोगों के मरने की पुष्टि भी की जा चुकी है। लेकित हालात सबसे ज्यादा खराब राजधानी पटना की है। पटना के कई इलाकों को भयंकर जलजमाव है। राजेंद्र नगर, एसके पुरी, अगमकुआं, कंकड़बाग, गांधी मैदान जैसे पौस इलाके जलमग्न हैं। कई हिस्सों में तो पानी 8 फीट तक पहुंच गया है। ऐसा माना जा रहा है कि पटना के 80% घरों में पानी घुस गया है। पटना के निकट से बहने वाली सोन, गंगा, गंडक और पुनपुन नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया हैं। मौसम विभाग ने अभी भी तेज बारिश की आशंका जताई है। पटना के सभी स्कूलो और कॉलेजों को मंगलवार तक के लिए बंद कर दिया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 40 सालों में पटना ने ऐसी भयंकर तबाही नहीं देखी है।
#WATCH Bihar: Indian Air Force (IAF) choppers drop relief materials and food packages for people, in flood affected Patna. pic.twitter.com/sOQYGAFcGB
— ANI (@ANI) September 30, 2019
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लेकिन कहते हैं ना प्रलय ना गरीबी देखती है और ना ही अमीरी। इस बाढ़ ने VVIP हो या फिर आम नागरिक, सभी को अपने चपेटे में ले लिया है। तीन दिनों से अपने निजी आवास में फंसे उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को बाहर निकाल लिया गया है। वहीं, रामविलास पासवान, प्रेम कुमार, राजीव प्रताप रूडी, अजय आलोक जैसे नेताओं के आवास में भी भयंकर जलजमाव है। इस भयंकर मुसीबत के बाद पटना के लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा है। हालांकि राहत और बचाव का कार्य जोरों पर है। परंतु जब खुद डिप्टी सीएम 3 दिन बाद निकल पाते हैं तो इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी गंभीर है। पद्म भूषण से सम्मानित बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा को अपने फंसे होने की खबर को सोशल मीडिया के जरिए देनी पड़ती है जिसके बाद उनका भी रेस्क्यू किया जाता है। इतना ही नहीं, पटना में पूरी तरीके से ट्रांसपोर्ट की सुविधा खत्म हो गई है। कई ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया है। राज्य के कई अलग-अलग इलाकों से पटना इलाज कराने के लिए आए मरीज फंसे हुए हैं। नालंदा मेडिकल कॉलेज हो या कुर्जी अस्पताल हो, सभी में पानी भर गया है।
#WATCH People move to safer places on JCB machines and tractors in Kankarbagh area of Patna. #BiharFloods pic.twitter.com/oyDZCElvC0
— ANI (@ANI) September 30, 2019
हॉस्टल में फंसे छात्र-छात्राओं को निकालने की कोशिश की जा रही है। लोगों तक पीने का पानी पहुंचाया जा रहा है। फंसे लोगों का कहना है कि लगभग 3 दिनों से बिजली और पानी नहीं है। ऐसे में सरकार का ढीला ढाला रवैया लोगों को नागवार गुजर रहा है। मामला काफी गंभीर हो जाने के बाद रविवार को नीतीश कुमार हालात की समीक्षा करते हैं और यह कहते हैं कि प्राकृतिक प्रकोप से कोई भी बच नहीं सकता। जब मामला बढ़ता है तो आनन-फानन में केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद रविवार देर रात पटना पहुंचते हैं। फरक्का बैराज के 119 गेट खोले जाने की बात करते हैं तो राहत और बचाव कार्य में लगी चीजों पर भी जोर देते हैं। लेकिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। पानी के निकासी के लिए बने नाले बंद पड़े हैं। इसलिए हालात बहुत जल्दी सुधर जाएंगे यह कहना बड़ा मुश्किल है।
Union Minister Ashwini Choubey: Bihar mein pichle kuch dino se jo musladhar baarish ho rahi ye 'hathiya nakshatra' ki barish badi hi gambhir ho jata hai. Baarish ne prakrikit apada ka roop le liya hai. Sarkar is se puri tarah nipat ne ke liye taiyaar hai. #Biharfloods pic.twitter.com/hhDINK4Tni
— ANI (@ANI) September 30, 2019
बात पटना को स्मार्ट सिटी बनाने की की जा रही थी। पर सवाल यह है कि जब से इस बात की घोषणा हुई है तब से क्या पटना में एक नाला भी नहीं बना है? अगर बना होता तो हालात ऐसे ना होते। इस भयंकर तबाही ने सुशासन बाबू की भी पोल खोल कर रख दा है। 15 सालों से सत्ता में बैठे नीतीश कुमार लगातार यह दावा करते हैं कि उन्होंने बिहार का सर्वांगीण विकास किया है परंतु पटना के हालात देखकर यह समझ में आ जा रहा है कि बिहार में कितना विकास हुआ है। केंद्र की खामोशी भी लोगों को नाराज कर रही है। लोगों का मानना है कि मुंबई, चेन्नई या फिर गुजरात के किसी शहर में बाढ़ आती है तो केंद्र की तरफ से मंत्रियों की फौज खड़ी हो जाती है लेकिन जब हम आफत में हैं तो हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। ऊपर से कुछ ऐसे भी मंत्री हैं जो हथिया नक्षत्र का हवाला देकर इस भयंकर स्थिति को छोटा करने की कोशिश कर रहे हैं। देखना यह होगा कि आखिर बिहार इस त्रासदी से कैसे ऊपर पाता है। पटना के लोगों को कितने दिनों में राहत मिल पाती है। इस भयंकर स्थिति के बाद राज्य में महामारी का भी खतरा बढ़ गया है।
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