उत्तराखंड में भारी बारिश से लोगों की मौत, बढ़ते खतरे को देखते हुए चारधाम यात्रा ठप

Uttarakhand

पौडी के जिलाधिकारी वीके जोगदंडे ने बताया कि घायलों को उपचार के लिये बेस अस्पताल कोटद्वार भेजा गया है। उन्होंने बताया किदुर्घटना का शिकार हुए मजदूर एक होटल के निर्माण कार्य में लगे थे और वहीं टेंट लगाकर रह रहे थे।

देहरादून। उत्तराखंड में सोमवार को मलबे के नीचे दबने से नेपाली मूल के तीन मजदूरों की मृत्यु हो गयी जबकि दूसरे दिन भी प्रदेश में लगातार बारिश और ऊंची पहाडियों पर बर्फवारी जारी रही जिससे चारधाम यात्रा ठप्प पड गई। प्रदेश के पौड़ी जिले के लैंसडौन क्षेत्र के समखाल में भारी बारिश के चलते खेत का मलबा मजदूरों के टैंट पर आ गिरा जिसमें तीन व्यक्तियों की मौत हो गयी और दो अन्य घायल हो गए। पौडी के जिलाधिकारी वीके जोगदंडे ने बताया कि घायलों को उपचार के लिये बेस अस्पताल कोटद्वार भेजा गया है।

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उन्होंने बताया कि दुर्घटना का शिकार हुए मजदूर एक होटल के निर्माण कार्य में लगे थे और वहीं टेंट लगाकर रह रहे थे। उन्होंने बताया कि लैंसडौन में सुबह से दोपहर तक लगातार 40 से 45 मिमी वर्षा हुई है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर राज्य में भारी बारिश से बचाव के लिये की जा रही तैयारियों के विषय में जानकारी ली। इस दौरान शाह ने मुख्यमंत्री को केंद्र सरकार द्वारा राज्य को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के चारधाम क्षेत्रों में होने के मद्देनजर मुख्यमंत्री धामी ने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ठहराए जाने के निर्देश दिए जिसके बाद श्रद्धालुओं को यात्रा पड़ावों में ही रोक लिया गया। दशहरा के बाद सप्ताहांत की छुटि्टयों के कारण इस समय प्रदेश में हजारों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आए हुए हैं।

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प्रदेश में मंगलवार तक भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए मुख्यमंत्री सभी जिलाधिकारियों और आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों और एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं और स्थिति का जायजा ले रहे हैं। धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यात्रियों और पर्यटकों के रहने और भोजन आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए और इसमें कोई लापरवाही न हो। उन्होंने जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से स्वयं निगरानी करने को कहा। उन्होंने यात्रियों से भी सावधानी बरतने की अपील की है और इस अवधि में यात्रा टालने का अनुरोध किया है। हांलांकि, उन्होंने कहा कि किसी तरह की घबराहट की स्थिति नहीं है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एहतियात के तौर पर प्रदेश में कक्षा एक से बारह तक के सभी स्कूल बंद रखे गए हैं। उन्हेांने कहा कि राज्य, जिलों और तहसील स्तरों पर नियंत्रण कक्ष 24 घंटे संचालित हों तथा सोमवार और मंगलवार के दो दिनों में जिलों से हर घंटे रिपोर्ट भेजी जाए।

उन्होंने कहा कि किसी घटना की सूचना मिलने पर प्रतिक्रिया समय कम से कम होना चाहिए। रविवार को केदारनाथ का दौरा करने वाले प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि मौसम विभाग की चेतावनी के बाद सभी जिलों में राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) की टीमें अलर्ट पर हैं। उन्होंने कहा कि सभी टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी आपात स्थिति के लिए पूर्णतया अलर्ट पर रहें और बचाव उपकरणों को भी कार्यशील दशा में रखें। इस बीच, गंगोत्री, केदारनाथ और दारमा घाटी सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में ऊँची पहाडियों पर बर्फवारी होने की सूचना है। लगातार बारिश और उंची पहाडियों पर बर्फवारी होने से प्रदेश में ठंड ने दस्तक दे दी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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