संसद में कांग्रेस का रुख तय करने में मदद करेगा उच्च स्तरीय समूह
संसद में विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस का रूख तय करने में मदद की खातिर सोनिया की ओर से गठित किए गए पांच सदस्यीय उच्च-स्तरीय समूह में चिदंबरम और आनंद शर्मा को शामिल किया गया है।
संसद में विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस का रूख तय करने में मदद की खातिर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से गठित किए गए पांच सदस्यीय उच्च-स्तरीय समूह में वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और आनंद शर्मा को शामिल किया गया है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री केवी थॉमस, जयराम रमेश और युवक कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राजीव सातव इस समूह के अन्य सदस्य हैं। इस समूह को नियमित तौर पर, खासकर संसद सत्रों के दौरान, बैठक करने को कहा गया है।
सूत्रों ने बताया कि समूह से कहा गया है कि वह संसद के आगामी विधायी कार्यों, जिनमें सरकारी और निजी विधयेक दोनों शामिल हैं, पर चर्चा करे और मंजूरी के लिए कांग्रेस अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को अपनी सिफारिशें सौंपे। इसके अलावा, समूह को विभिन्न संसदीय समितियों में शामिल पार्टी के सांसदों के बीच समन्वय कायम करने की जिम्मेदारी भी दी गई है, ताकि जरूरी बैठकों के दौरान एक जैसी राय कायम की जा सके। समूह से मिली सूचनाओं के आधार पर पार्टी नेतृत्व विधायी मामलों पर अपना रूख तय करेगा।
नेताओं के विवादित बयान से कई बार दिक्कत में पड़ने वाली कांग्रेस ने पार्टीजनों से कहा है कि वे पार्टी के स्थापित मानकों के साथ ‘‘मेल नहीं खाने वाली’’ टिप्पणी नहीं करें। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस की केन्द्रीय आनुशासनात्मक कार्रवाई समिति के अध्यक्ष एके एंटनी ने पार्टीजनों के नाम एक पत्र में कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर केवल अधिकृत प्रवक्ता ही पार्टी की तरफ से बोल सकते हैं। यह हिदायत कश्मीर और आफ्सपा मुद्दे पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के एक विवादित बयान के बाद आयी। इस बयान के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टीजनों को पार्टी दिशा का पालन करने को कहा था।
पत्र में एंटनी ने कहा, ‘‘यह देखा गया है कि कुछ सदस्यों ने देश में हाल के राजनीतिक घटनाक्रम पर मीडिया के समक्ष विरोधाभासी बयान दिए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां आंतरिक पार्टी विमर्श में भिन्न विचारों का स्वागत है, सार्वजनिक रूप से टकराव करने वाले विचार पार्टी की छवि के लिए शुभ संदेश नहीं हैं।’’ एंटनी ने कहा, ‘‘मैं आप में से हर एक से आग्रह करूंगा कि ऐसे बयान देने से परहेज करें जो पार्टी के स्थापित रूख से मेल नहीं खाते हों।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह भी सुझाया जाता है कि संबंधित महासचिव, प्रभारी अपने अधिकार क्षेत्र से संबंधित मामलों के बारे में पार्टी की तरफ से बोलें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर केवल अधिकृत प्रवक्ता पार्टी की तरफ से बोल सकता है।
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