हिमाचल हाईकोर्ट ने कोविड के दौरान अनाथ हुए बच्चों की सरकार से मांगी जानकारी

Himachal High Court

हिमाचल हाईकोर्ट ने आज प्रदेश सरकार से उन बच्चों के संबंध में जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है जो कोविड महामारी के दौरान अनाथ हो गए हैं या जिन्होंने कोविड के कारण अपने माता-पिता में से एक को खो दिया है। अदालत ने यह भी बताने का निर्देश दिया कि ऐसे बच्चों की मदद या पुनर्वास के लिए राज्य ने क्या कार्रवाई की गइ है।

शिमला। हिमाचल हाई कोर्ट ने आज प्रदेश सरकार से उन बच्चों के संबंध में जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है जो कोविड महामारी के दौरान अनाथ हो गए हैं या जिन्होंने कोविड के कारण अपने माता-पिता में से एक को खो दिया है। अदालत ने यह भी बताने का निर्देश दिया कि ऐसे बच्चों की मदद या पुनर्वास के लिए राज्य ने क्या कार्रवाई की गइ है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलीमठ और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल की खंडपीठ ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य में अपर्याप्त सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को उजागर करने वाली एक जनहित याचिका और अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुये गुरूवार को यह आदेश पारित किए। 

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सुनवाई के दौरान, सेब सीजन व कटाई के मौसम के कारण हिमाचल प्रदेश में दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों के प्रवेश की संभावना पर भी प्रकाश डाला गया और अदालत ने कहा कि सेब तोड़ने का मौसम कोविड के आगे प्रसार के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकता है। इस पर वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि उन जिलों में अतिरिक्त प्रयास किये जाएंगे, जहां सेब की कटाई होगी। ताकि महामारी पर अंकुश लगे। 

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उन्होंने न्यायालय को आश्वासन दिया कि उक्त उद्देश्य के लिए हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करने वाले श्रमिकों का राज्य के उपलब्ध संसाधनों से टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती जाएगी। उन्होंने न्यायालय को यह भी सूचित किया कि अब से सभी पर्यटकों को हिमाचल प्रदेश राज्य में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। केवल तभी जब उनके पास नकारात्मक आरटीपीसीआर परीक्षण रिपोर्ट या इस आशय का प्रमाण पत्र हो कि उन्होंने टीके का एक/दो शॉट लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए आने वाले दिनों में राज्य द्वारा और कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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