हिमंत बिस्वा सरमा ने ली CM पद की शपथ, कहा- पांच साल में असम की गिनती टॉप पांच राज्यों में होगी

Himanta Biswa Sarma

शपथ लेने वाले विधायकों में से, 10 भाजपा के हैं जिनमेंपार्टी के प्रदेश प्रमुख रंजीत कुमार दास, पिछली सरकार के मंत्री चंद्र मोहन पटोवारी, परिमल सुक्लाबैद्य, जोगेश मोहन और संजय किशन शामिल हैं। मंत्रिमंडल में शामिल किए गए नए चेहरों में रनोज पेगू, बिमल बोहरा और एकमात्र महिला अंजता नेओग शामिल हैं।

गुवाहाटी। भाजपा नेता और पूर्वोत्तर प्रजातांत्रिक गठबंधन के संयोजक हिमंत बिस्वा सरमा ने असम के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में सोमवार को शपथ ली। राज्यपाल जगदीश मुखी ने उन्हें यहां श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सरमा ने पारंपरिक ‘पट रेशम’ की धोती और कुर्ता धारण किया हुआ था तथा अपने गले में मुगा ‘गमोसा’ डाला हुआ था। उन्होंने असमी में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। कोविड-19 के सख्त प्रोटोकॉल के बीच उनके साथ 13 और विधायकों ने शपथ ली। शपथ लेने वाले विधायकों में से, 10 भाजपा के हैं जिनमेंपार्टी के प्रदेश प्रमुख रंजीत कुमार दास, पिछली सरकार के मंत्री चंद्र मोहन पटोवारी, परिमल सुक्लाबैद्य, जोगेश मोहन और संजय किशन शामिल हैं। मंत्रिमंडल में शामिल किए गए नए चेहरों में रनोज पेगू, बिमल बोहरा और एकमात्र महिला अंजता नेओग शामिल हैं।

गठबंधन साझेदार एजीपी से अतुल बोरा और केशब महंत और यूपीपीएल से पूर्व राज्यसभा सदस्य यूजी ब्रह्मा ने शपथ ली है। बोरा और महंत भूतपूर्व सरकार में मंत्री थे। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पिछली सरकार में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और रमेश तेली, नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो और असम कांग्रेस के प्रमुख रिपूण बोरा समेत अन्य शामिल थे। असम की 126 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन को 75 सीटें मिली हैं। भाजपा को 60 सीटें मिली हैं जबकि उसके गठबंधन साझेदार असम गण परिषद (एजीपी) व यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) को क्रमश: नौ और छह सीटें मिली हैं। भाजपा नीत गठबंधन राज्य में पहली गैर कांग्रेसी सरकार है जिसने लगातार दूसरी बार चुनाव जीता है।


असम को देश के शीर्ष पांच राज्यों में से एक बनाना लक्ष्य : हिमंत बिस्व सरमा

असम के नए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य अगले पांच सालों में प्रदेश को देश के शीर्ष पांच राज्यों में से एक बनाना है। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सरमा ने यहां संवाददाताओं को बताया, “हम इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये कल से ही काम शुरू करेंगे।” सरमा ने कहा कि असम में दूसरी बार बनी भाजपा की सरकार का मुख्य ध्यान कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने, सभी वादों को पूरा करने तथा राज्य को वार्षिक बाढ़ के संकट से मुक्त करने पर है। उन्होंने कहा, “असम में कोविड-19 की स्थिति गंभीर है। हमारे यहां दैनिक मामलों की संख्या 5000 के पार पहुंच गई है। कल मंत्रिमंडल की बैठक में हम सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे और कदम उठाएंगे।” उन्होंने कहा कि जब तक असम में महामारी नियंत्रण में नहीं आएगी, पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी मामले कम नहीं होंगे। 

सरमा ने राज्य में शांति के लिये विद्रोही गुटों, खासकर उल्फा (आई) से हथियार डालकर मुख्य धारा का हिस्सा बनने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं परेश बरुआ से अनुरोध करता हूं कि बातचीत की मेज पर आएं और मुद्दों को सुलझाएं। अपहरण और हत्याओं से समस्याएं जटिल बनती हैं, सुलझती नहीं हैं। मुझे उम्मीद है कि हम अगले पांच वर्षों में भूमिगत विद्रोहियों को मुख्यधारा में लौटने के लिये तैयार कर लेंगे।” विवादास्पद राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार असम के सीमावर्ती जिलों में 20 प्रतिशत नामों और अन्य इलाकों में 10 प्रतिशत नामों का पुन: सत्यापन चाहती है। उन्होंने कहा, “अगर बेहद नगण्य गलतियां पाई गईं तब हम मौजूदा एनआरसी के साथ आगे की कार्यवाही कर सकते हैं। लेकिन, अगर व्यापक विसंगतियां हैं तो मुझे लगता है कि अदालत संज्ञान लेगी और नए दृष्टिकोण के साथ आगे का काम करेगी।” ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून लाने के भाजपा के आश्वासन के बारे में पूछे जाने पर, सरमा ने कहा, “हर वादा पूरा करने के लिये किया गया है। उन्हें पूरा करने के लिये, जो भी संभव होगा हम करेंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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