भाजपा को कर्नाटक में अपनी हार का अहसास हो गया है: कांग्रेस

Historic interim judgement by Supreme Court: Abhishek Manu Singhvi
[email protected] । May 18 2018 5:57PM

कांग्रेस ने आज दावा किया कि भाजपा और केंद्र सरकार की ओर से शीर्ष अदालत में जिस तरह से और समय तथा गुप्त मतदान की मांग की गयी उससे साबित होता है कि उनको अपनी हार का अहसास पहले ही हो चुका है।

उच्चतम न्यायालय द्वारा कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा को कल बहुमत साबित करने का आदेश दिए जाने के बाद कांग्रेस ने आज दावा किया कि भाजपा और केंद्र सरकार की ओर से शीर्ष अदालत में जिस तरह से और समय तथा गुप्त मतदान की मांग की गयी उससे साबित होता है कि उनको अपनी हार का अहसास पहले ही हो चुका है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, 'येदियुरप्पा के वकील मुकुल रोहतगी ने जिरह में कहा कि बहुमत साबित करने के लिए और समय दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि कम से कम सोमवार से पहले शक्ति परीक्षण नहीं कराया जाए। उनकी यह बात पूरी कहानी को खुद बयां करती है। यह खरीद-फरोख्त की कहानी को भी बताता है।'

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी न्यायालय में कहा कि गुप्त मतदान होना चाहिए। यह भी पूरी कहानी को बयां करता है। सब जानते हैं कि बहुमत गुप्त मतदान के जरिए साबित नहीं किया जाता। सिंघवी ने कहा, 'भाजपा जानती है कि उसके पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है। वे जानते हैं कि अब कांग्रेस-जदएस गठबंधन की सरकार बनने वाली है। वे हार मान चुके हैं।' कांग्रेस नेता ने कहा कि येदियुरप्पा ने जो चिट्ठी न्यायालय में पेश की है उसमें भाजपा विधायकों के साथ अन्य का जिक्र किया गया है। ये अन्य कौन हैं? क्या येदियुरप्पा कोई जादू करेंगे कि 104 की संख्या बहुमत तक पहुंच जाएगी? उनके सामने आइंस्टाइन और न्यूटन के सिद्धांत भी गलत साबित हो जाएंगे।

उन्होंने कहा, 'न्यायालय का आज का आदेश व्यापक और ऐतिहासिक है। पहली बार यह संवैधानिक प्रश्न उठाया गया है कि सरकार गठन के लिए बुलाने का राज्यपाल का अधिकार कहां तक है। इसके साथ ही यह भी प्रश्न उठा है कि राज्यपाल के इस अधिकार में न्यायालय का हस्तक्षेप कहां तक हो सकता है। पहले मुद्दे पर सुनवाई का विकल्प खुला है। हम उम्मीद करते हैं कि इसमें भी हम जीतेंगे।' उन्होंने कहा कि पहले कहीं सत्ता के लिए इतना पागलपन नहीं देखा। येदियुरप्पा ने अकेले की कैबिनेट की बैठक की और किसानों की कर्जमाफी का फैसला किया।

विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि संसद और विधानसभाओं के अस्थायी अध्यक्ष को लेकर यह परंपरा रही है कि सबसे वरिष्ठ सदस्य इस भूमिका को निभाता है। उसका काम सिर्फ खुद शपथ लेना और फिर दूसरों को शपथ दिलाना है। इसके बाद सीधा विश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन होता है। कांग्रेस नहीं चाहती कि यह परंपरा टूटे। दरअसल, शीर्ष अदालत ने आज अपने आदेश में येदियुरप्पा को कल शाम चार बजे विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है। राज्यपाल ने बुधवार को येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिया था। इसके विरोध में कांग्रेस ने बुधवार रात ही शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। गौरतलब है कि राज्य में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। प्रदेश की 224 सदस्यीय विधानसभा में 222 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और जद एस+ को 38 सीटें मिली हैं। फिलहाल, बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 111 है क्योंकि कुमारस्वामी दो सीटों से चुनाव जीते हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़