स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास कुछ वर्षों, कुछ लोगों तक सीमित नहीं : प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को प्रतिबिंबित करने वाले और सभी वर्गों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने वाले ‘नए भारत’ के निर्माण का आह्वान करते हुए सोमवार को कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास कुछ वर्षों या कुछ लोगों तक सीमित नहीं है।

भीमावरम (आंध्र प्रदेश)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को प्रतिबिंबित करने वाले और सभी वर्गों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने वाले ‘नए भारत’ के निर्माण का आह्वान करते हुए सोमवार को कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास कुछ वर्षों या कुछ लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के हर कोने से दिए गए बलिदान का इतिहास है। मोदी ने महान स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती पर यहां उनकी 30 फुट की कांस्य प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक बड़ी जन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले आठ साल में उनकी सरकार ने प्रतिबद्धता के साथ काम किया है और स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने के लक्ष्य से नीतियां लागू की हैं।

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ने कहा, ‘‘हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, ऐसे में स्वतंत्रता सेनानियों के स्वप्न साकार करना हर नागरिक का कर्तव्य है। हमारा नया भारत, उनके सपनों का भारत होना चाहिए। यह ऐसा भारत होना चाहिए, जहां गरीबों, किसानों, मजदूरों, पिछड़े वर्गों, आदिवासियों और दलितों को समान अवसर मिलें।’’ उन्होंने देश को औपनिवेशिक शासन से मुक्त कराने के लिए संघर्ष करने वालों को भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी। मोदी ने कहा, ‘‘स्वतंत्रता संग्राम केवल कुछ वर्षों, कुछेक क्षेत्रों या कुछ लोगों का इतिहास नहीं है। यह देश के हर नुक्कड़ और हर कोने का इतिहास है, यह सभी कोनों के लोगों के बलिदान और शहादत का इतिहास है।’’ उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम भारत की विविधता और संस्कृति को भी दर्शाता है।

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मोदी ने अंग्रेजों के खिलाफ अल्लूरी के युद्ध घोष ‘‘दम है तो मुझे रोक लो’’ को याद करते हुए कहा कि देश के लोग कई चुनौतियों और कठिनाइयों का बहादुरी से सामना करते हुए उन्हीं की तरह ‘‘दम है तो हमें रोक लो’’ के नारे का इस्तेमाल कर रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘‘मुझे पूरा भरोसा है कि अल्लूरी सीताराम राजू से मिली प्रेरणा देश को अनंत ऊंचाइयों पर ले जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब नए विचार और नई संभावनाएं हैं। युवा अब अपने कंधों पर जिम्मेदारी लेकर देश को आगे ले जा रहे हैं।’’ ‘मन्यम वीरुडु’ (वन नायक) के नाम से लोकप्रिय अल्लूरी को श्रद्धांजलि देते हुए मोदी ने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ का प्रतीक थे। उन्होंने कहा, ‘‘जन्म से लेकर शहादत तक अल्लूरी सीताराम राजू की जीवन यात्रा हम सभी के लिए प्रेरणा है। उन्होंने आदिवासियों के अधिकारों और देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।’’ मोदी ने कहा कि देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के साथ ही अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती भी मना रहा है और संयोग से, इस वर्ष उस रम्पा विद्रोह की शताब्दी भी है, जिसका नेतृत्व अल्लूरी ने 1922 में किया था।

उन्होंने कहा कि अल्लूरी की 125वीं जयंती और राम्पा विद्रोह की शताब्दी वर्षभर मनाई जाएगी। मोदी ने कहा, ‘‘अल्लूरी की जन्मस्थली पंडरंगी गांव और जिस चिंतापल्ली पुलिस थाने पर उन्होंने सबसे पहले हमला किया था, उसका नवीकरण तथा मोगल्लु गांव में अल्लूरी ध्यान मंदिर का निर्माण हमारी भावनाओं का प्रतीक है।’’ अल्लूरी और अन्य आदिवासी योद्धाओं के लिए लंबासिंगी में एक संग्रहालय बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन तैयार करने वाले पिंगली वेंकैया, कन्नेगंती हनुमन्थु, कंदुकुरी वीरसलिंगम, पोट्टी श्रीरामुलु और उय्यालवाड़ा नरसिम्हा रेड्डी जैसे देशभक्तों और महान हस्तियों की भूमि है। उन्होंने कहा कि इस भूमि की विरासत प्रेरणादायी है। मोदी ने आदिवासी कल्याण का जिक्र करते हुए कहा कि आदिवासी गौरव और विरासत को दर्शाने के लिए आजादी के बाद पहली बार आदिवासी संग्रहालयों की स्थापना की जा रही है।

उन्होंने कहा कि ‘स्किल इंडिया मिशन’ जैसे कार्यक्रमों से आदिवासी कला को एक नई पहचान मिल रही है और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान समुदाय के सदस्यों के लिए आय सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दशकों पुराने उन कानूनों को बदल दिया है, जो आदिवासी लोगों को बांस जैसी वन उपज को काटने से रोकते थे। प्रधानमंत्री हैदराबाद से एक विशेष विमान के जरिए विजयवाड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पहुंचे और फिर हेलीकॉप्टर से भीमावरम पहुंचे। उन्होंने सोमवार को यहां स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती पर उनकी 30 फुट की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के तहत 15 टन वजन की इस प्रतिमा को तीन करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इसे भीमावरम के एएसआर नगर में नगर निगम पार्क में क्षत्रिय सेवा समिति द्वारा स्थापित किया गया है।

इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बी. बी. हरिचंदन, केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और फिल्म अभिनेता के. चिरंजीवी तथा अन्य अतिथि उपस्थित थे। इस मौके पर मौजूद हस्तियों ने अल्लूरी को पुष्पांजलि अर्पित की। मोदी ने अल्लूरी के भतीजे अल्लूरी श्रीराम राजू और अल्लूरी के करीबी सहयोगी मल्लू डोरा के बेटे बोडी डोरा को सम्मानित किया। उन्होंने जनसभा को संबोधित करने के बाद अल्लूरी के रिश्तेदारों और उनके करीबी सहयोगियों से बातचीत की। इसके बाद मोदी हेलीकॉप्टर से विजयवाड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे लौटे और उन्होंने वहां से एक विशेष विमान के जरिए अहमदाबाद के लिए उड़ान भरी।

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