केरल में CM विजयन संभालेंगे गृह एवं IT विभाग, वीना जॉर्ज के जिम्मे स्वास्थ्य विभाग

CM Vijayan

बृहस्पतिवार को दूसरी बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद, विजयन ने संबंधित मंत्रियों के विभागों की सूची राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को सौंपी थी और इस संबंध में सरकारी आदेश देर रात जारी किया गया। मीडिया के लिए यह आदेश शुक्रवार को जारी किया गया।

तिरुवनंतपुरम। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन राज्य में एलडीएफ की लगातार दूसरी बार बनी सरकार में गृह समेत कई महत्त्वपूर्ण विभाग अपने पास रखेंगे जबकि उनके दामाद पी ए मोहम्मद रियास लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और वीना जॉर्ज स्वास्थ्य विभाग संभालेंगी। रियास और जॉर्ज दोनों पहली बार मंत्री पद संभालेंगे। पूर्व पत्रकार एवं अरनमुला से विधायक जॉर्ज, लोकप्रिय के के शैलजा की जगह लेंगी, जिन्होंने कोविड-19 के खिलाफ राज्य की जंग में प्रमुख भूमिका निभाई थी और जिन्हें नये मंत्रिमंडल में जगह न देने से विवाद उत्पन्न हुआ। विजयन गृह, निगरानी और आईटी समेत कई अन्य विभाग संभालेंगे जबकि उनके विश्वासपात्र एवं पहली बार विधायक बने के एन बालगोपाल वित्त विभाग संभालेंगे। वह हाई-प्रोफाइल टी एम थॉमस इसाक की जगह लेंगे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अलावा जॉर्ज को महिला एवं बाल कल्याण विभाग का जिम्मा भी सौंपा गया है। बृहस्पतिवार को दूसरी बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद, विजयन ने संबंधित मंत्रियों के विभागों की सूची राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को सौंपी थी और इस संबंध में सरकारी आदेश देर रात जारी किया गया। मीडिया के लिए यह आदेश शुक्रवार को जारी किया गया। 

इसे भी पढ़ें: राकांपा की केरल इकाई के अध्यक्ष बने पीसी चाको, प्रफुल्ल पटेल ने की घोषणा

माकपा नीत 21 सदस्यीय मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार शाम ‘सेंट्रल स्टेडियम’ में पद की शपथ ली। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण समारोह साधारण रखा गया था। विजयन के अलावा माकपा के सभी 11 मंत्री, मंत्रालय में नये चेहरे हैं। यह लगभग निश्चित था कि राज्यसभा के पूर्व सदस्य एवं माकपा राज्य समिति के सदस्य, बालागोपाल को महत्त्वपूर्ण वित्त विभाग और नकदी संकट से जूझ रहे केरल के राजकोष में नयी जान फूंकने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। उनके पास प्रख्यात अर्थशास्त्री, इसाक के मूल विचार- केरल अवसंरचना निवेश बोर्ड (केआईआईएफबी) के तहत राज्य के विकास कार्यक्रमों को जारी रखने की जिम्मेदारी भी है। राज्य विधानसभा में नये-नये शामिल हुए रियास को अहम लोक निर्माण एवं पर्यटन विभाग आवंटित किया है जो पूर्व कैबिनेट में क्रमश: वरिष्ठ नेताओं जी सुधाकरण और कडकमपल्ली सुरेंद्रन के पास थे। राज्यसभा के पूर्व सदस्य पी राजीव को कानून एवं उद्योग विभाग सौंपा गया है वहीं वी सिवनकुट्टी जिनके पास राज्य में भाजपा की एकमात्र नेमोम सीट को जीतकर उसका खाता बंद करने का गौरव है, उन्हें सामान्य शिक्षा एवं श्रम विभाग सौंपा गया है। सर्वश्रेष्ठ सांसद के लिए संसद रत्न पुरस्कार विजेता, राजीव मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की राज्य समिति के सदस्य भी हैं। विजयन की पूर्व सरकार में स्वास्थ्य एवं शिक्षा अच्छे प्रदर्शन वाले विभाग रहे थे। कन्नूर के दिग्गज विधायक एम वी गोविंदन को स्थानीय स्वशासन और उत्पाद शुल्क विभाग का प्रभार दिया गया है। विजयन के बाद मार्क्सवादी पार्टी के एकमात्र केंद्रीय समिति के सदस्य गोविंदन तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। 

इसे भी पढ़ें: लगातार दूसरी बार केरल के मुख्यमंत्री बने पी विजयन, राज्यपाल ने दिलाई शपथ

एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए, नये मंत्रिमंडल के दलित चेहरे, पांचवी बार के विधायक एवं विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष के. राधाकृष्णन को मंदिर मामलों के प्रशासन एवं प्रबंधन, देवस्वओम की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वीना जॉर्ज के अलावा, दो अन्य महिलाओं विधायकों को भी विजयन कैबिनेट में जगह मिली है। हाल के वर्षों में यह संख्या सबसे अधिक है। माकपा के कार्यवाहक राज्य सचिव ए विजयराघवन की पत्नी आर बिंदू उच्च शिक्षा और सामाजिक न्याय विभाग संभालेंगी जबकि भाकपा की पहली महिला मंत्री जे चिनचुरानी को पशुपालन एवं डेयरी विभाग का जिम्मा दिया गया है। अन्य मंत्रियों को सौंपे गए विभाग इस प्रकार हैं : के राजन (राजस्व), जी आर अनिल (खाजद्य एवं नागरिक आपूर्ति), रोशी ऑगस्टिन (सिंचाईं), साजी चेरियान (मत्स्य एवं सांस्कृतिक मामला), वी एन वसावन (सहकारी एवं पंजीकरण), वी अब्दुरहमान (खेल), पी प्रसाद (कृषि), के कृष्णकुट्टी (बिजली), ए के शशिंद्रन (जंगल), एंटनी राजू (परिवहन) और अहम्मेद देवरकोविल (बंदरगाह, संग्राहलय एवं पुरालेख)। नये मंत्रिमंडल में माकपा के 12 सदस्य हैं और भाकपा के चार जबकि केरल कांग्रेस (एम), जनता दल (एस) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक-एक सदसय हैं। कैबिनेट में 21 से अधिक सदस्य शामिल करने पर प्रतिबंध के कारण, एलडीएफ ने एक-एक विधायक वाले अपने चार सहयोगियों के साथ निश्चित कार्यकाल के आधार पर मंत्री पद साझा करने का फैसला किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़