अफस्पा हटाने पर गृह मंत्रालय को विचार करना होगा: पर्रिकर
महबूबा मुफ्ती ने टिप्पणी की थी कि अफस्पा को प्रयोग के तौर पर कुछ इलाकों से हटाना चाहिए। इस टिप्प्णी के बाद रक्षा मंत्री पर्रिकर ने आज कहा कि यह मसला गृह मंत्रालय के अधीन आता है।
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने टिप्पणी की थी कि अफस्पा को प्रयोग के तौर पर कुछ इलाकों से हटाना चाहिए। इस टिप्प्णी के बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि यह मसला गृह मंत्रालय के अधीन आता है और उसे इस पर विचार करना चाहिए। पर्रिकर ने कहा कि आतंकवाद से प्रभावित इस राज्य में सीमा की सुरक्षा और आतंकरोधी बल में सेना शामिल है। महबूबा की टिप्पणी के बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि गृह मंत्रालय को इस पर विचार करना चाहिए। हम केवल काम करते हैं। फिलहाल हम केवल सीमा और आतंकरोधी बल में काम कर रहे हैं। हम राज्य की कानून-व्यवस्था के सामान्य घेरे में काम नहीं करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि जहां तक सेना का सवाल है तो उसने यह सुनिश्चित किया है कि सीमाएं पूरी तरह से बंद और सुरक्षित रहें ताकि घुसपैठ की कोई भी कोशिश कामयाब नहीं हो सके। उन्होंने कहा ‘‘हम अपना काम अच्छी तरह कर रहे हैं।’’ रविवार को महबूबा ने केंद्र से कहा था कि वह जनता का ‘‘दिल जीतने के लिए’’ प्रायोगिक तौर पर चुनिंदा इलाकों से अफस्पा (सैन्य बल (विशेषाधिकार) अधिनियम) को हटा दे। महबूबा ने कहा था कि राज्य में हालात को बेहतर करने के लिए कहीं से तो शुरूआत करनी ही होगी। उन्होंने प्रायोगिक तौर पर 25 से 50 पुलिस थानों से शुरू करते हुए कुछ इलाकों से अफस्पा हटाने का सुझाव दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘‘जहां तक आफस्पा का सवाल है, हम यह नहीं कह रहे कि इसे एक ही बार में पूरा हटा दिया जाए। लेकिन प्रयोग के तौर पर इसे धीरे-धीरे वापस लेकर उन इलाकों के हालात पर नजर रखी जा सकती है। अगर हालात अच्छे रहते हैं तो इसे पूरी तरह वापस लिया जा सकता है। लेकिन अगर ऐसा लगता है कि आतंकवादी सिर उठा रहे हैं तो इसे फिर से लागू किया जा सकता है।’’
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