सिंधिया UP में हार की समीक्षा कैसे करें, बड़े नेता बैठकों में आ नहीं रहे

how-congress-general-secretary-jyotiraditya-scindia-review-meeting

वरिष्ठ नेताओं की गैरहाजिरी पर सिंधिया की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आईं। पार्टी सूत्रों ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं के साथ हार के कारणों की समीक्षा दिल्ली में की जाएगी।

लखनऊ। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में करारी हार का सामना करने के बाद कांग्रेस के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्य इकाई के नेताओं से मुलाकात कर हार के कारणों की समीक्षा की। लेकिन इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता तो शामिल ही नहीं हुए और जो कनिष्ठ नेता आए वो आपस में ही लड़ते रहे। समीक्षा बैठकों में जो वरिष्ठ नेता शामिल नहीं हुए उनमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, श्रीप्रकाश जायसवाल, आरपीएन सिंह और सलमान खुर्शीद का नाम हैं। हालांकि इन लोगों की गैरहाजिरी पर सिंधिया की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आईं। पार्टी सूत्रों ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं के साथ हार के कारणों की समीक्षा दिल्ली में की जाएगी। लेकिन कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि जब अन्य उम्मीदवारों को भी लखनऊ बुलाकर बात की गई तो कुछ को दिल्ली की सुविधा क्यों दी जा रही है। 

इसे भी पढ़ें: राहुल गांधी नहीं रहेंगे पार्टी अध्यक्ष, कांग्रेस की इस प्रेस रिलीज से हुआ साफ

समीक्षा में एक नया पहलू जरूर सामने आया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में साल 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर चर्चा भी हुई और सबसे ज्यादा ताज्जुब की बात तो यह रही कि मुख्यमंत्री उम्मीदवार पद के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम लिया गया। सिंधिया ने बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पार्टी 2022 का विधानसभा चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ेगी। 

सिंधिया ने बैठक के दौरान विधानसभा चुनाव को लेकर तैयार किए जा रहे खाके का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चुनाव के लिए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण फीडबैक और सुझाव दिए, ताकि संगठन को मजबूत किया जा सके। हालांकि चुनाव नतीजे पूरी तरह से अंसतोषजनक रहे। इसके बावजूद हम विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत लगा देंगे। इसके साथ ही उन्होंने प्रियंका गांधी को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करने के सवाल पर कहा कि इसका फैसला तो आलाकमान करेगी। 

इसे भी पढ़ें: प्रजा ने राजा को दिखाया ऐसा दिन कि खाली करना पड़ेगा 33 साल पुराना बंगला

ज्ञात हो तो लोकसभा चुनाव के दौरान भी प्रियंका गांधी का नाम काफी उछाला जा रहा था कि वह वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ सकती हैं। लेकिन कांग्रेस ने एक बार फिर से अजय राय को अपना उम्मीदवार बनाकर सारी अटकलों पर विराम लगा दिया। ठीक उसी तरह से अब पार्टी में जान फूंकने के लिए प्रियंका गांधी के नाम की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि इस बार के आम चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस केवल एक सीट रायबरेली ही जीत सकी है। प्रियंका को पूर्वी उत्तर प्रदेश की 42 सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। सिंधिया की बैठक में शामिल होने वाले पूर्व सांसद राजाराम पाल ने यह जरूर स्पष्ट किया कि पार्टी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को अपने दम पर लड़ेगी और हम पूरे देशभर में पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूत करेंगे। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़