झूठ और अफवाहों के बल पर कब तक सियासत करेंगे तेजस्वी: राजीव रंजन

राजीव रंजन

इस मुश्किल वक्त में कभी गोपालगंज मार्च के नाम पर केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा सोशल डिस्टनसिंग के निर्देश की धज्जी उड़ाते दिखे तो कभी साइकिल मार्च के जरिये समर्थको की भीड़ जुटा कर शारीरिक दूरी के आग्रह का अनादर किया।

पटना। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने नेता तेजस्वी यादव को विधानसभा चुनाव के सवाल पर दीवारों पर लिखी इबारत से स्वयं एवं उनकी पार्टी का भविष्य पढ़ लेना चाहिए। चुनाव प्रचार परंपरागत तरीकों से हो या वर्चुअल प्लेटफॉर्म के जरिये, यह तो चुनाव आयोग तय करेगा। लेकिन दोनों परिस्थितियों में राजद का पूर्ण सफाया तय है। इसीलिए तेजस्वी यादव चुनाव टालने के लिए अजीबोगरीब तर्क देते दिख रहे हैं। दरअसल बार बार यह मांग दोहराना उनका बाल हठ है।

प्रसाद ने कहा कि डॉक्टर्ड एवं फेक वीडिओज़ झूठ तथा अफवाहों के जरिये तेजस्वी यादव ने तेजी से अपनी विश्वसनियता को खुद सवालों के घेरे में खड़ा किया है। प्रसाद ने कहा कि बिहार की जनता ने बिहार आने के लिए इक्षुक कामगारों के लिए तेजस्वी जी द्वारा बस और ट्रेन मुहैया कराने के वायदे का हश्र भी देखा है, न कहीं वह गरीबों के बीच कोरोना संकट के दौरान राहत कार्य करते दिखे।

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इस मुश्किल वक्त में कभी गोपालगंज मार्च के नाम पर केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा सोशल डिस्टनसिंग के निर्देश की धज्जी उड़ाते दिखे तो कभी साइकिल मार्च के जरिये समर्थको की भीड़ जुटा कर शारीरिक दूरी के आग्रह का अनादर किया। आपदा और युद्ध के समय बहुदलीय लोकतंत्र की एकजूटता ,संकट से उबारने में सहायक हो सकती है। लेकिन लोकतांत्रिक मूल्यों को संघर्ष अथवा अध्ययन करने के बाद ही आत्मसात किया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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