शिवराज के नौकरी में 100 फीसदी आरक्षण वाले दांव से भाजपा को कितना होगा फायदा ?

shivraj singh chouhan

मध्य प्रदेश की 27 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों के साथ बागी हो गए थे और कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की शासकीय नौकरियों पर सिर्फ और सिर्फ प्रदेश के युवाओं का हक बताते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला किया था। वीडियो संदेश जारी कर मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा था कि प्रदेश की शासकीय नौकरियां अब केवल राज्य के बच्चों को ही दी जाएगी। इसके लिए हम जरूरी कानूनी प्रावधान कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश का संसाधन राज्य के बच्चों के लिए हैं। शिवराज सिंह चौहान के इस दांव को पत्रकार कई तरह से देख रहे हैं। लेकिन अचानक से भाजपा सरकार ने यह ऐलान क्यों किया ? इसके पीछे का गणित बड़ा पेचीदा है। 

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दरअसल, मध्य प्रदेश की 27 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों के साथ बागी हो गए थे और कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। जिसके बाद कांग्रेस नेतृत्व वाली कमलनाथ सरकार 15 महीने में गिर गई और फिर शिवराज सिंह चौहान की एक बार फिर से सत्ता में वापसी हुई।

विशेषज्ञ बताते हैं कि भाजपा सरकार ने प्रदेश के बच्चों को सरकारी नौकरियां देने वाला दांव सिर्फ और सिर्फ उपचुनाव के मद्देनजर खेला है क्योंकि शिवराज को अपनी सरकार बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक सीटों पर कब्जा करना होगा। एक हिन्दी समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक 2 साल पहले प्रमोशन में आरक्षण मामले में शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि कोई माई का लाल आरक्षण नहीं हटा सकता है। शिवराज के इस बयान के बाद उन्हें खासा विरोध सहना पड़ा था और ग्वालियर-चंबल एरिया में भाजपा को नुकसान भी काफी हो गया था। 

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ऐसे में इस बार शिवराज पुरानी गलती दोहराने की दशा में नहीं दिख रहे हैं। विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि भले ही प्रदेश में भाजपा को इस मुद्दे से फायदा मिल जाए लेकिन राष्ट्रीय पार्टी होने की वजह से भाजपा को दूसरे राज्यों में नुकसान भी हो सकता है और इस बात को कहीं-न-कहीं भाजपा समझती भी है। तभी तो हर छोटे-छोटे मुद्दे को भुनाने वाली पार्टी ने शासकीय नौकरियों में राज्य के लोगों को 100 फीसदी आरक्षण दिए जाने के मामले में ज्यादा कुछ नहीं कहा।

बिहार में बिगड़ सकती है बात

इस साल के आखिर में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और बिहार के ज्यादातर लोग दूसरे राज्यों में काम की तलाश में निकलते हैं। ऐसे में शिवराज सरकार का शासकीय नौकरियों में 100 फीसदी आरक्षण प्रदेश के बच्चों को दिए जाने वाले निर्णय से भाजपा को बिहार में नुकसान सहना पड़ सकता है। हालांकि, अभी तक किसी भी पार्टी ने इसे मुद्दा नहीं बनाया है। मगर आगे क्या होता है यह कह पाना अभी मुमकिन नहीं है।

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