JD-S और कांग्रेस MLAs के सहारे इस तरह बहुमत साबित करेंगे येदियुरप्पा

How yediyurappa will win trust vote

कर्नाटक में भाजपा अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के प्रति आश्वस्त नजर आ रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि 8 विधायकों की जरूरत लगभग पूरी हो गयी है।

बैंगलुरु। कर्नाटक में भाजपा अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के प्रति आश्वस्त नजर आ रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि 8 विधायकों की जरूरत लगभग पूरी हो गयी है। इसके अलावा पार्टी ने एंग्लो इंडियन समुदाय से एक विधानसभा सदस्य के मनोनयन की सिफारिश राज्यपाल को कर दी है जिससे भाजपा को एक वोट और बढ़ जायेगा। हालांकि मुख्यमंत्री के इस निर्णय के खिलाफ कांग्रेस ने शिकायत की है। पार्टी का कहना है कि बिना बहुमत साबित किये मुख्यमंत्री इस तरह के निर्णय नहीं कर सकते। 

भाजपा के लिए नयी मुश्किल यह नजर आ रही है कि उसे अपने विधायकों में से एक को विधानसभा अध्यक्ष भी बनाना होगा ऐसे में उसका एक वोट कम हो जायेगा क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष विश्वास प्रस्ताव पर मतदान नहीं कर सकते। पार्टी में इस संभावना पर भी विचार हुआ कि यह पद किसी अन्य दल के असंतुष्ट विधायक को दिया जाये लेकिन यह विचार चर्चा के शुरुआती दौर में ही खारिज हो गया। सदन के अंदर विधानसभा अध्यक्ष की ही सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है इसलिए पार्टी यह पद अपने पास ही रखेगी।

बताया जा रहा है कि कांग्रेस के तीन विधायक और जनता दल सेक्युलर के तीन विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। जनला दल सेक्युलर से चार विधायक ऐसे हैं जोकि पूर्व में भाजपा में रह चुके हैं। पार्टी का प्रयास है कि तोड़फोड़ के आरोपों से बचा जाये। सूत्रों के मुताबिक इस तरह की कोशिशें चल रही हैं कि विधानसभा में बहुमत परीक्षण के समय विपक्ष के 12-13 विधायक अनुपस्थित रहें ताकि आसानी से बहुमत साबित किया जा सके। 

भाजपा को पूरी उम्मीद है कि जिन दो विधानसभा सीटों पर चुनाव टल गये थे उन पर 28 मई को होने वाले मतदान के समय पार्टी को ही विजय मिलेगी और इस तरह उसका आंकड़ा 104 से बढ़कर 106 हो सकता है।

दूसरी ओर कांग्रेस तथा जनता दल सेक्युलर अपने विधायकों पर पूरी तरह निगाह रखे हुए हैं लेकिन कांग्रेस के कुछ विधायकों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि मुख्यमंत्री तय करने को लेकर उनकी राय नहीं ली गयी और आलाकमान ने कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री चुन लिया। कांग्रेस के जिन विधायकों में आलाकमान के इस फैसले को लेकर नाराजगी है वह चुनावों के दौरान अपने-अपने क्षेत्रों में जनता दल सेक्युलर की कड़ी चुनौती झेल कर विधानसभा पहुँचने में सफल रहे हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़