मानव तस्करी रोकथाम एवं व्यक्तियों का दुर्व्यापार विधेयक को लोकसभा की मंजूरी मिली

Human trafficking prevention and misdeeds of persons got Lok Sabha approval
[email protected] । Jul 26 2018 7:17PM

देश में व्यक्तियों खासकर महिलाओं और बच्चों की तस्करी पर पूरी तरह अंकुश लगाने और पीड़ितों का पुनर्वास सुनिश्चित करने के प्रावधान वाले ‘व्यक्तियों का दुर्व्यापार (निवारण, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक-2018’ को लोकसभा ने धवनिमत से मंजूरी दे दी।

नयी दिल्ली। देश में व्यक्तियों खासकर महिलाओं और बच्चों की तस्करी पर पूरी तरह अंकुश लगाने और पीड़ितों का पुनर्वास सुनिश्चित करने के प्रावधान वाले ‘व्यक्तियों का दुर्व्यापार (निवारण, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक-2018’ को लोकसभा ने धवनिमत से मंजूरी दे दी। सदन ने आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन और माकपा की पी के श्रीमति टीचर के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए विधेयक को पारित कर दिया।

विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि यह विधेयक पूरी तरह पीड़ितों को केंद्रबिंदु में रखकर तैयार किया है और इसके दायरे में विदेशी नागरिक भी आएंगे। मेनका गांधी ने कहा कि कुछ सदस्यों ने जिन कमियों की बात की है उनको नियम जारी करते समय ध्यान में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद राष्ट्रीय तस्करी विरोधी ब्यूरो की स्थापना की जाएगी और स्थानीय स्तर पर पहले से मौजूद इकाइयां इसका सहयोग करेंगी। इसके साथ ही जिला स्तर पर मानव तस्करी विरोधी इकाइयां होगी जिसमें स्थानीय पुलिस के लोग भी शामिल होंगे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि विधेयक में प्रावधान किया गया है कि मानव तस्करी से जुड़े मामलों की सुनवाई एक साल में पूरी कर ली जाए। मंत्री ने सांसदों से कहा कि वे अपने इलाकों में सभी बालगृहों एवं सुधार गृहों का दौरा करें और अपनी राय से मंत्रालय को अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर की समितियों में सांसदों को भी शामिल किया जाएगा।

मेनका ने अपने मंत्रालय के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में बहुत सकारात्मक असर हुआ जहां लिंगानुपात देश के दूसरे हिस्सों के मुकाबले काफी कम था।

इससे पहले विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए सदन में रखते हुए मेनका गांधी ने कहा, ‘यह एक समग्र विधेयक है जिसमें मानव तस्करी के शामिल लोगों को दंडित करने और उनकी संपत्तियां जब्त करने के साथ ही पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने और उनका पुनर्वास करने का प्रावधान किया गया है।’ उन्होंने कहा कि तस्करी के शिकार होने वाले समाज के सबसे कमजोर तबकों-महिलाओं और बच्चों के लिए यह प्रस्तावित कानून एक ‘वरदान’ है। 

उन्होंने कहा कि दुनिया में तस्करी के खिलाफ कई कानून हैं, लेकिन यह अपने आप में एक अनोखा कानून है जिसमें पुनर्वास के अधिकार की बात गई है। मंत्री ने कहा कि इस प्रस्तावित कानून के तहत पुनर्वास कोष की स्थापना की जाएगी क्योंकि पहले तस्करी के चंगुल से मुक्त कराए जाने वाले पीड़ितों के पुनर्वास के लिए धन का आवंटन सुनिश्चित नहीं होता था।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़