प्रवासियों को शरण देना मानवीय दायित्व: ममता बनर्जी
जिन लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं किए गए हैं ममता ने उन्हें पश्चिम बंगाल आकर रहने का प्रस्ताव भी दिया था। ‘अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ 18 दिसम्बर को मनाया जाता है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को ‘अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ के मौके पर कहा कि प्रवासियों को शरण देना मानवीय दायित्व है। बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार पश्चिम बंगाल में शरण लेने के इच्छुक लोगों का अपनी क्षमता के अनुसार पूरा ध्यान रखेगी।
Today is International Migrants Day. It is our humanitarian obligation to give refuge to migrants. In #Bangla we will take care of anyone who seeks shelter in our State, to the best of our abilities
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 18, 2018
बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘आज ‘अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ है। प्रवासियों को शरण देना हमारा मानवीय दायित्व है। हम बंगाल में शरण लेने के इच्छुक लोगों का अपनी क्षमता के अनुसार पूरा ध्यान रखेंगे।’’ असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अंतिम मसौदे से 40 लाख लोगों को बाहर किए जाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख केन्द्र की भाजपा-नीत सरकार की कटु आलोचन करती रही हैं।
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जिन लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं किए गए हैं ममता ने उन्हें पश्चिम बंगाल आकर रहने का प्रस्ताव भी दिया था। ‘अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ 18 दिसम्बर को मनाया जाता है। इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा के संकल्प 55/93 के तहत 18 दिसंबर, 2000 को अपनाया गया।
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