बजट सत्र संबोधन में कुछ जोड़-घटाव कर सकता हूं: जगदीप धनखड़

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[email protected] । Feb 6 2020 9:35AM

एक दिन पहले ममता बनर्जी सरकार ने राज्य प्रशासन और राजभवन के बीच मेल-मिलाप के संकेत देते हुए धनखड़ को शांतिनिकेतन जाने के लिए हेलीकॉप्टर मुहैया कराने का निर्णय किया था।

कोलकाता। राज्य सरकार और राजभवन के बीच अच्छे रिश्ते दिखने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि सात फरवरी को शुरू हो रहे बजट सत्र की शुरुआत में पढ़े जाने वाले भाषण में वह कुछ हिस्से जोड़ सकते हैं या हटा भी सकते हैं। उनके इस बयान से तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ फिर से तल्खी बढ़ सकती है। धनखड़ के बयान पर राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई और कहा कि राज्यपाल को संबोधन के वक्त ‘‘टिप्पणीकार’’ नहीं बनना चाहिए।

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धनखड़ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्यपाल के सात फरवरी 2020 के राज्य विधानसभा के संबोधन का मसौदा राज्य कैबिनेट की मंजूरी के बाद मुझे उपलब्ध कराया गया है। यह मेरे विचाराधीन है। अगर मुझे कोई समस्या होती है और मैं इसमें कुछ जोड़ना या हटाना चाहूंगा तो मैं इसे औपचारिक तरीके से करूंगा।’’ इस हफ्ते की शुरुआत में चटर्जी, राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा, मुख्य सचिव राजीव सिन्हा के साथ हुई अपनी बातचीत का खुलासा करने से इंकार करते हुए धनखड़ ने कहा कि इसमें ‘‘सकारात्मक रूख’’ रहा। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी मिलकर पश्चिम बंगाल के कल्याण के लिए काम करेंगे। और अगर अलग-अलग विचार हुए तो हम संघर्ष के स्तर तक नहीं पहुंचेंगे। हमें एक-दूसरे के विचारों का सम्मान करना होगा।’’

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धनखड़ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चटर्जी ने कहा, ‘‘उन्हें जो करना है वह कर सकते हैं, हमें जो करना हैं हम करेंगे। राज्यपाल को टिप्पणीकार के रूप में व्यवहार नहीं करना चाहिए।’’ नियमों के मुताबिक बजट सत्र के दौरान राज्यपाल राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए भाषण को पढ़ता है। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि वह (धनखड़) नियमों का पालन करेंगे। अगर वह नहीं करते हैं तो हमें कोई दूसरा रास्ता तलाशना होगा।’’ एक दिन पहले ममता बनर्जी सरकार ने राज्य प्रशासन और राजभवन के बीच मेल-मिलाप के संकेत देते हुए धनखड़ को शांतिनिकेतन जाने के लिए हेलीकॉप्टर मुहैया कराने का निर्णय किया था। पिछले वर्ष कई मौकों पर राज्य सरकार ने शांतनिकेतन, डोमकल और फरक्का जाने के लिए धनखड़ को हेलीकॉप्टर मुहैया कराने के आग्रह को अस्वीकार कर दिया था।

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