भारतीय वायुसेना अधिकारी पूजा ठाकुर पहुंचीं न्यायाधिकरण
विंग कमांडर पूजा ठाकुर ने भारतीय वायुसेना की ओर से स्थायी कमीशन देने से इंकार किए जाने पर सशस्त्र बल न्यायाधिकरण का रूख किया है।
पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर का नेतृत्व करने वाली विंग कमांडर पूजा ठाकुर ने भारतीय वायुसेना की ओर से स्थायी कमीशन देने से इंकार किए जाने पर सशस्त्र बल न्यायाधिकरण का रूख किया है। अपनी याचिका में, अधिकारी ने दावा किया है कि स्थायी कमीशन न देने का भारतीय वायुसेना का फैसला ‘‘पक्षपाती, भेदभावपूर्ण, मनमाना और असंगत’’ है।
पूजा के वकील सुधांशु पांडे ने कहा कि न्यायाधिकरण ने इस मामले को स्वीकार करते हुए इसपर वायुसेना का जवाब मांगा है। पिछले साल जनवरी में जब राष्ट्रपति ओबामा भारत आए थे, तब पूजा ने इंटर-सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर का नेतृत्व किया था। बाद में ओबामा ने कहा था कि सैन्य बलों में ‘‘अतुल्य’’ भारतीय महिलाओं को देखना भारत में उनकी ‘‘पसंदीदा बातों’’ में से एक था। तब पूजा ने कहा था, ‘‘यह बहुत अच्छा लगता है कि हम उन्हें एक उपयुक्त गार्ड ऑफ ऑनर देने के अपने लक्ष्य को पूरा कर सके। मैं खुश हूं कि उन्होंने सराहना की है।’’
पिछले साल गणतंत्र दिवस के दौरान मार्च करते दस्तों का नेतृत्व करने के लिए रक्षाबलों में पहली बार महिला अधिकारियों को चुना गया था। पूजा वर्ष 2000 में भारतीय वायुसेना से जुड़ी थीं। वह प्रशासनिक शाखा से हैं और इस समय प्रचार सेल ‘दिशा’ में तैनात हैं, जो वायुसेना मुख्यालय स्थित कार्मिक अधिकारी निदेशालय के अंतर्गत आता है। अपनी ड्यूटी के तहत वह भारतीय वायुसेना के मोबाइल गेम ‘गार्जियन्स ऑफ स्काई’ की शुरूआत एवं विकास के काम में लगी थीं। इसे मोबाइल-फ्रेंडली टेक-सेवी छात्रों तक पहुंच बनाने का एक नया और नवोन्मेषी कदम माना जा रहा था।
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