आईडीएसए का नाम मनोहर पर्रिकर के नाम पर रखा गया

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पिछले साल, रक्षा मंत्रालय ने पूर्व रक्षा मंत्री की प्रतिबद्धता और विरासत का सम्मान करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा थिंक टैंक रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए)का नाम बदलकर मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (एमपी-आईडीएसए) करने का फैसला किया था।

नयी दिल्ली| रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) का नाम पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नाम पर रखने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने (आईडीएसए) के नामकरण के लिए सोमवार को पट्टिका का अनावरण किया।

इस मौके पर अपने संबोधन में सिंह ने पर्रिकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पर्रिकर को रक्षा क्षेत्र से संबंधित मामलों की गहरी समझ थी और स्वदेशीकरण पर उनके आग्रह और राजनीतिक-सैन्य तालमेल के प्रयासों ने उन्हें एक “अमूल्य संसाधन” बना दिया। उन्होंने कहा, “वह हमारे सशस्त्र बलों के लिए एक विचारशील नेता थे।

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उरी की घटना के बाद 2016 के आतंकवाद विरोधी हमलों में उनके नेतृत्व और सशस्त्र बलों के हित में लिए गए वन रैंक वन पेंशन के फैसले को लंबे समय तक याद किया जाएगा।

पिछले साल, रक्षा मंत्रालय ने पूर्व रक्षा मंत्री की प्रतिबद्धता और विरासत का सम्मान करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा थिंक टैंक रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए)का नाम बदलकर मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (एमपी-आईडीएसए) करने का फैसला किया था। नवंबर 2014 से मार्च 2017 तक रक्षा मंत्री रहे पर्रिकर का कैंसर के कारण 17 मार्च 2019 को निधन हो गया।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन प्रदान करने के लिए संस्थान की स्थापना 1965 में की गई थी और रक्षा मंत्रालय इसे निधि प्रदान करता है।

मंत्रालय ने कहा कि साधारण सभा ने इस साल की शुरुआत में इसका नामकरण पूर्व रक्षा मंत्री के नाम पर करने के लिए सर्वसम्मति से फैसला किया था।

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मंत्रालय ने कहा कि नामकरण के साथ ही संस्थान का 57वां स्थापना दिवस मनाया गया जो हर साल 11 नवंबर को मनाया जाता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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