किसी को दी हुई चीज कोई तुरंत छीनना चाहे, तो विस्फोट हो सकता है: लोकसभा अध्यक्ष

if-anybody-wants-to-snatch-any-given-thing-immediately-then-it-may-explode-says-sumitra-mahajan
[email protected] । Sep 7 2018 9:11AM

अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम में संशोधनों पर अनारक्षित समुदाय के आक्रोश के बीच लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने गुरुवार को कहा कि इन कानूनी बदलावों को लेकर राजनीति नहीं की जा सकती।

इंदौर। अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम में संशोधनों पर अनारक्षित समुदाय के आक्रोश के बीच लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने गुरुवार को कहा कि इन कानूनी बदलावों को लेकर राजनीति नहीं की जा सकती और सभी सियासी दलों को इस विषय में मिलकर विचार-विमर्श करना चाहिये। 

लोकसभा अध्यक्ष ने इस कानून में संशोधनों का जिक्र करते हुए यहां भाजपा के व्यापारी प्रकोष्ठ के कार्यक्रम में कहा कि सभी राजनीतिक दलों को इस विषय में मिलकर विचार-विमर्श करना चाहिये। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जा सकती, क्योंकि कानून का मूल स्वरूप बरकरार रखने के लिये संसद में सभी पार्टियों ने मतदान किया था।

उन्होंने कहा कि कानून तो संसद को बनाना है। लेकिन सभी सांसदों को मिलकर इस विषय (अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम में किये गये संशोधन) में सोचना चाहिये। इस विचार-विमर्श के लिये उचित वातावरण बनाना समाज के सभी लोगों की जिम्मेदारी है।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह छोटी-सी "मनावैज्ञानिक कहानी" के माध्यम से अपनी बात समझाना चाहेंगी। उन्होंने कहा कि मान लीजिये कि अगर मैंने अपने बेटे के हाथ में बड़ी चॉकलेट दे दी और मुझे बाद में लगा कि एक बार में इतनी बड़ी चॉकलेट खाना उसके लिये अच्छा नहीं होगा। अब आप बच्चे के हाथ से वह चॉकलेट जबर्दस्ती लेना चाहें, तो आप इसे नहीं ले सकते। ऐसा किये जाने पर वह गुस्सा करेगा और रोयेगा। मगर दो-तीन समझदार लोग बच्चे को समझा-बुझाकर उससे चॉकलेट ले सकते हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि किसी व्यक्ति को दी हुई चीज अगर कोई तुरंत छीनना चाहे, तो विस्फोट हो सकता है। उन्होंने सम्बद्ध कानूनी बदलावों को लेकर विचार-विमर्श की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, "यह सामाजिक स्थिति ठीक नहीं है कि पहले एक तबके पर अन्याय किया गया था, तो इसकी बराबरी करने के लिये अन्य तबके पर भी अन्याय किया जाये।"

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, "हमें अन्याय के मामले में बराबरी नहीं करनी है। हमें लोगों को न्याय देना है। न्याय लोगों को समझाकर ही दिया जा सकता है। सबके मन में यह भाव भी आना चाहिये कि छोटी जातियों पर अत्याचार नहीं किया जायेगा।"

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़