दिल्ली में गठबंधन होता है तो कांग्रेस को दो से अधिक सीटें नहीं देगी AAP
बैठक के बाद पार्टी ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है और मामले पर आगे बढ़ने के लिए एक प्रतिनिधि नियुक्त किया है।
नयी दिल्ली। आम आदमी पार्टी गठबंधन के मुद्दे पर अभी संभावनाएं तलाश रही है लेकिन अगर केवल राष्ट्रीय राजधानी में गठबंधन होता है तो वह कांग्रेस को दो से अधिक सीटें नहीं देगी। यह जानकारी सूत्रों ने दी। इस सिलसिले में एक बैठक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर मंगलवार को हुई और इसमें वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, संजय सिंह और सत्येन्द्र कुमार जैन ने हिस्सा लिया।
हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ मिलाकर 18 सीटें हैं। कांग्रेस कह रही है कि इनमें 3 सीटें कांग्रेस को जीतने दो, 4 सीट “आप” जीत ले और 11 सीटें भाजपा को जीतने दें। हम भाजपा को एक भी सीट नहीं देना चाहते। यहाँ आकर बात अटक गयी है
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) April 16, 2019
आखिर कांग्रेस भाजपा को 11 सीटों पर क्यों जिताना चाहती हैं?
बैठक के बाद पार्टी ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है और मामले पर आगे बढ़ने के लिए एक प्रतिनिधि नियुक्त किया है। आप ने सिंह को कांग्रेस के साथ गठबंधन पर वार्ता के लिए नियुक्त किया है लेकिन कांग्रेस ने अभी कोई प्रतिनिधि नियुक्त नहीं किया है।
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आप के सूत्रों ने बताया कि अगर कांग्रेस केवल दिल्ली में गठबंधन करना चाहती है तो यह पांच और दो के अनुपात में होगा और अगर दिल्ली और हरियाणा दोनों जगहों पर गठबंधन होता है तो राष्ट्रीय राजधानी में यह अनुपात चार और तीन का होगा जबकि हरियाणा में अनुपात छह, तीन और एक का होगा। सूत्रों ने बताया कि गठबंधन होने पर हरियाणा में कांग्रेस छह, जननायक जनता पार्टी तीन और आप एक सीट पर चुनाव लड़ेगी।
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