जम्मू कश्मीर में विधायक नहीं होने पर केंद्र सरकार सीधी निर्वाचित जिला स्तरीय परिषद बनाएगी

jammu kashmir

जिला विकास परिषद (डीडीसी) में 14 क्षेत्र होंगे और सभी में एक प्रत्यक्ष निर्वाचित सदस्य होगा। कुछ सीटें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। जम्मू कश्मीर पंचायती राज कानून, 1989 में संशोधन के लिए केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले के एक साल बाद आदेश जारी किया है।

नयी दिल्ली। जम्मू कश्मीर में विधानसभा सदस्य नहीं होने पर केंद्र ने स्थानीय निकायों को मजबूत करने के लिए पंचायती राज कानून में संशोधन किया है जिसके तहत हर जिले में एक नया ढांच बनाया जाएगा और इसे अनेक विकास कार्यों को करने के लिए मतदाताओं द्वारा सीधे चुना जाएगा। जिला विकास परिषद (डीडीसी) में 14 क्षेत्र होंगे और सभी में एक प्रत्यक्ष निर्वाचित सदस्य होगा। कुछ सीटें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। जम्मू कश्मीर पंचायती राज कानून, 1989 में संशोधन के लिए केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले के एक साल बाद आदेश जारी किया है। 

इसे भी पढ़ें: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले में CRPF कर्मी घायल

केंद्र सरकार ने नये बने केंद्रशासित प्रदेश में परिसीमन प्रक्रिया की भी घोषणा की। परिसीमन आयोग की स्थापना मार्च में की गयी थी और इसके प्रमुख उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई हैं। अधिकारियों के अनुसार ताजा फैसला यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि हर क्षेत्र में लोगों की और अधिक भागीदारी के साथ विकास हो जो पहले विधानसभा के निर्वाचित प्रतिनिधि करते थे। जब तक परिसीमन आयोग रिपोर्ट नहीं देता है तथा चुनाव आयोग नये बने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में चुनाव नहीं कराता है तब तक यह मददगार हो सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़