जम्मू-कश्मीर: राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर शिवसेना ने किया प्रदर्शन

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शिवसेना कार्यकर्ताओं के एक समूह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने और संविधान के अनुच्छेद-371 का दायरा केंद्रशासित प्रदेश तक बढ़ाने की मांग को लेकर यहां प्रदर्शन किया।

शिवसेना कार्यकर्ताओं के एक समूह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने और संविधान के अनुच्छेद-371 का दायरा केंद्रशासित प्रदेश तक बढ़ाने की मांग को लेकर यहां प्रदर्शन किया। शिवसेना की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष मनीष साहनी के नेतृत्व में चन्नी चौक पर स्थित पार्टी मुख्यालय के निकट विरोध प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन ऐसे समय किया गया जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह केंद्रशासित प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर हैं।

हाथ में तिरंगा लिए शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने अनुच्छेद-371 के तहत विशेष दर्जा, राज्य का दर्जा बहाल किए जाने और कश्मीर में हिंदुओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने की अपनी मांग के समर्थन में नारे लगाए। साहनी ने कहा, ‘‘पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद-370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के साथ, केंद्र सरकार ने हमारी सांस्कृतिक पहचान और अधिकारों की सुरक्षा के साथ-साथ विकास, रोजगार का वादा किया था। इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया गया।’’

उन्होंने कहा कि वह गृह मंत्री को जम्मू-कश्मीर के लोगों से किए गए वादों की याद दिलाने के लिए सड़कों पर उतरे हैं। साहनी ने कहा कि सरकार स्थानीय युवाओं के लिए विकास, शांति और पर्याप्त रोजगार के अवसरों के अपने वादे को पूरा करे। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले तीन वर्षों से, जम्मू-कश्मीर के लोगों को केंद्रशासित प्रदेश होने का कोई लाभ नहीं मिला है।’’ शिवसेना के एक नेता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी अनुच्छेद-371 के तहत पूर्वोत्तर और देश के अन्य सीमावर्ती राज्यों की तरह कुछ विशेषाधिकार प्राप्त करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपनी सांस्कृतिक पहचान के अलावा भूमि और नौकरियों पर अपने अधिकारों की सुरक्षा की जरूरत है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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