राफेल मामले में मोदी ने राष्ट्रीय हितों से समझौता किया: येचुरी
येचुरी ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति पहले ही कह चुके हैं कि मोदी ने अंबानी को इस करार में साझेदार बनाने के लिये कहा था और अब फ्रांस सरकार द्वारा अंबानी को कर में छूट देने का भी खुलासा हो गया है।
नयी दिल्ली। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने लड़ाकू विमान राफेल की खरीद के लिये फ्रांस सरकार के साथ हुये द्विपक्षीय करार मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर राष्ट्रीय हितों के साथ समझौता करने का आरोप लगाया है। येचुरी ने राफेल सौदे से जुड़े निजी क्षेत्र के पक्षकार उद्योगपति अनिल अंबानी को फ्रांस सरकार द्वारा 143.7 करोड़ यूरो कर छूट देने संबंधी मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुये शनिवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचएएल को राफेल सौदे से बाहर कर अंबानी को करार में शामिल किया गया।
So, our public money is used by Modi govt to pay exorbitantly more for far fewer Rafale fighters than required, to benefit a crony businessman through the defence deal and French tax benefit. No wonder BJP introduced secret Electoral Bonds for party funding, legalising corruption https://t.co/zyMEqtFGAV
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) April 13, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी फ्रांस गये, लड़ाकू विमानों की संख्या में कटौती करते हुये करार पर हस्ताक्षर कर राष्ट्रीय हितों से समझौता किया। एचएएल को करार से बाहर कर अंबानी को सौदे का हिस्सा बनाया।’’ येचुरी ने कहा कि जनता के पैसे से कम संख्या में 41 प्रतिशत अधिक कीमत पर विमान खरीदने का करार कर अपनी सांठगांठ वाले करीबियों को कर में भारी छूट दिलायी है। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी का फार्मूला अपने धनी दोस्तों की मदद करना है। गड़बड़ी के समूचे तंत्र का खुलासा हो गया है। राफेल घोटाले में वायु सेना को दरकिनार कर प्रधानमंत्री कार्यालय सीधे तौर पर शामिल है और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार गैरकानूनी तरीके से पेरिस में समझौता वार्ता कर रहे थे।’’
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येचुरी ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति पहले ही कह चुके हैं कि मोदी ने अंबानी को इस करार में साझेदार बनाने के लिये कहा था और अब फ्रांस सरकार द्वारा अंबानी को कर में छूट देने का भी खुलासा हो गया है। उल्लेखनीय है कि फ्रांस के एक अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि मोदी द्वारा फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदने की घोषणा करने के कुछ महीने बाद ही फ्रांस सरकार ने अंबानी की एक फ्रांसीसी कंपनी को कर में 143.7 करोड़ यूरो की छूट दी थी।
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