उत्तर प्रदेश की खबरें: कृषि उत्पादकता में हो रही वृद्धि, खाद्यान्नों के उत्पादन में बन रहा नम्बर वन

farming

माननीय अध्यक्ष, विधान सभा ने सत्रहवीं विधान सभा के उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए 18 अक्टूबर, 2021 की तिथि निर्धारित की है। उक्त निर्वाचन दिनांक 18 अक्टूबर, 2021 को पूर्वाह्न 11ः00 बजे विधान सभा मण्डप, लखनऊ में होगा।

उत्तर प्रदेश का कृषि के क्षेत्र में देश में महत्वपूर्ण स्थान है। प्रदेश सरकार की कृषि एवं कृषक हितैषी नीतियों एवं योजनाओं का यह सुपरिणाम है कि गन्ना, चीनी एवं एथेनॉल के उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में लगातार चौथी बार प्रथम स्थान पर है। खाद्यान्न, गेहूँ, आलू, हरी मटर, आम, आँवला तथा दुग्ध उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है। कृषि एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। सही समय पर बुआई, निराई, खाद देना, सिंचाई आदि इसके महत्वपूर्ण आगत हैं। इनमें भी सिंचाई का महत्व सर्वोपरि है। हमारे देश में कृषि को मानसून का जुआ कहा जाता है। जिस वर्ष मानसून की वर्षा अच्छी होती है, उस वर्ष खेती भी अच्छी होती है। जबकि मानसून के कमजोर होने से कृषि एवं कृषक दोनों दबाव में आ जाते हैं क्योंकि वर्षा के साथ फसलों की सिंचाई के लिए भरपूर पानी उपलब्ध नहीं हो पाता है। उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा कृषि एवं कृषकों की सिंचाई की इसी समस्या के समाधान हेतु विगत साढ़े चार वर्षों में अनेक कार्य किये गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप जहां एक ओर प्रदेश के सिंचित क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है वहीं दूसरी ओर खाद्यानों की उत्पादकता, पैदावार में बढ़ोत्तरी के माध्यम से कृषकों की आय में भी वृद्धि हो रही है।

इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश: गांव-गांव युवाओं का संबल बनी ग्राम स्वरोजगार योजना, गांव में बेरोजगारी हुई कम

उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की वर्षों से लम्बित परियोजनाएं पूर्ण करायी गयी हैं। इनमें 46 वर्षों से लंबित बाण सागर परियोजना को पूर्ण कराकर 15 जुलाई 2018 को माननीय प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया। इस परियोजना से मिर्जापुर एवं प्रयागराज जनपदों की 150132 हेक्टेअर कृषि भूमि सिंचित हो रही है तथा इससे 01 लाख 70 हजार से भी ज्यादा किसान लाभान्वित हो रहे हैं। बाण सागर परियोजना के पूर्ण होने से कृषि के अन्तर्गत सिंचित भूमि में वृद्धि होने से इन जनपदों में अब फसल क्षेत्र में वृद्धि, फसल उत्पादकता में बढ़ोत्तरी होने से कृषकों को आय वृद्धि में मदद मिल रही है। इसी के साथ ही पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल से ही लम्बित पहाड़ी बांध, बण्डई बांध, जमरार बांध, मौदहा बांध, पहुॅज बांध, लहचुरा बांध, गुण्टा बांध, रसिन बांध परियोजनाएं एवं जाखलौन पम्प नहर प्रणाली तथा सोलर पावर प्लांट की पुनर्स्थापना की लगभग 13 परियोजनाएं वर्तमान सरकार के साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में पूर्ण की गयी हैं। हर खेत को पानी, के लक्ष्य को पूरा करने हेतु पूर्ण की गई इन परियोजनाओं से प्रदेश में 3.77 लाख हेक्टेअर सिंचन क्षमता में वृद्धि हुई है एवं संबंधित क्षेत्रों में कृषि के साथ-साथ समग्र विकास को भी गति मिल रही है।

प्रदेश का बुन्देलखण्ड क्षेत्रसिंचाई एवं कृषि में बाकी प्रदेश से अपेक्षाकृत पिछड़ा रहा है। परन्तु प्रदेश की वर्तमान सरकार ने मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में बुन्देलखण्ड के विकास का खाका खींचा है एवं उसे रफ्तार देने के लिए विभिन्न परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। बुंदेलखण्ड में कृषि एवं कृषकों की समृद्धि सुनिश्चित करने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा बंुदेलखण्ड क्षेत्र में 19428 खेत तालाबों का निर्माण कराया गया है। यह खेत तालाब वर्षा जल संचयन के माध्यम से बुंदेलखण्ड के भूजल स्तर में भी सुधार आया है। साथ ही यह कृषकों की सिंचाई की समस्या को भी दूर करने में सहायक हो रहे हैं। बुंदेलखण्ड क्षेत्र के अंतर्गत ही प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा सिंचाई, विद्युत आदि की 12 बड़ी परियोजनाएं पूर्ण करायी गयी है। इन परियोजनाओं से बुंदेलखण्ड क्षेत्र में 73345 हेक्टेयर सिंचन क्षमता का सृजन हुआ है तथा इसमंे 5.92 मेगावाट सौर विद्युत भी उत्पादित हो रही है। इससे 65062 किसान लाभान्वित हुए हैं। सिंचाई क्षमता में वृद्धि तथा सौर ऊर्जा के उत्पादन से बुंदेलखण्ड भी शेष उत्तर प्रदेश के विकास से कदमताल मिलाकर समूचे प्रदेश की समृद्धि में अपना योगदान दे रहा है। बुंदेलखण्ड क्षेत्र में ही जल संसाधनों के विकास व उचित एवं पर्यावरण अनुकूल दोहन की क्षमता वृद्धि हेतु इजराइल के साथ ’इण्डो-इजराइल वाटर प्रोजेक्ट’ का एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किया गया है।

इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में कोरोना के कुल 139 एक्टिव मामले, टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का करें पालन

प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 में प्रदेश की सिंचाई क्षमता में वृद्धि से सम्बन्धित 12 परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के अन्तर्गत अब तक 12.61 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित हुई है। सरयू नहर परियोजना पूर्वी उत्तर प्रदेश के 09 जनपदों- बहराइच, श्रावस्ती, गोण्डा, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, गोरखपुर व महराजगंज में सिंचाई सुविधाओं के सृजन हेतु 1982 में स्वीकृत हुई थी। वर्ष 2012 में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था। इसके पूर्ण होने पर 14.04 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित होगी तथा 29.74 लाख किसान इससे लाभान्वित होंगे। प्रदेश में बनी नहरों की क्षमता का पूरा उपयोग हो सके, इसके लिए समय-समय पर नहरों की सफाई, सिल्ट निकासी जरूरी है। प्रदेश की वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 01 लाख 49 हजार 802 किमी नहरों की सिल्ट सफाई का कार्य कराया जा चुका है। वर्ष 2020-21 में ही 46000 किलोमीटर सिल्ट सफाई का कार्य कराया गया है। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की समस्या के निराकरण हेतु वित्तीय वर्ष 2020-21 में 15100 किलोमीटर की लम्बाई में ड्रेनों की सफाई कराकर संबंधित क्षेत्रों को जलभराव से मुक्त कराया गया है।

प्रदेश के कई हिस्सों में प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ से फसलों व कृषि को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा लगभग 523 तटबन्धों को सुरक्षित करके बाढ़ से बचाव हेतु ड्रेजिंग कार्य पूर्ण कराए गए है। विगत साढ़े चार वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बाढ़ से बचाव, सुरक्षा हेतु 688 परियोजनाएं पूर्ण की गयी हैं। वर्ष 2021-22 में 230 परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य है जिसके सापेक्ष 139 बाढ़ सुरक्षा की परियोजनाएं पूर्ण चुकी हैं। इन परियोजनाओं से बाढ़ से प्रतिवर्ष होने वाली व्यापक जन-धन की हानि तथा खेती व पशुओं को होने वाला नुकसान कम हुआ है। इनके अतिरिक्त बाढ़ नियंत्रण व सुरक्षा की 184 नवीन परियोजनाओं के सापेक्ष 734.48 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है व इनका निर्माण प्रारम्भ हो चुका है। प्रदेश सरकार द्वारा लगभग 25050 पुल-पुलियों का जीर्णाेद्धार, पुनर्निर्माण व नवनिर्माण का अभियान भी चलाया जा रहा है। जिस पर 300 करोड़ रूपए की लागत आने की संभावना है। यह कार्य भी अपने अंतिम चरण में है। प्रदेश के 16 जनपदों में उत्तर प्रदेश वाटर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना फेज-2 के अन्तर्गत सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु भी सरकार कार्य कर रही है। इस परियोजना के पूर्ण होने पर प्रदेश के 16 जनपदों में 1.62 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित होगी तथा इससे 7.10 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। इस परियोजना से लाभान्वित होने वाले जनपदों में बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, ललितपुर, एटा, फिरोजाबाद, कासगंज, मैनपुरी, फर्रूखाबाद, इटावा, कन्नौज, औरैया, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फतेहपुर एवं कौशाम्बी है।

इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश की खबरें: भवन निर्माण श्रमिकों का सहारा बनी सरकार

प्रदेश में नाबार्ड द्वारा वित्तपोषित नवीन राजकीय नलकूप निर्माण परियोजना के अन्तर्गत 633.7882 करोड़ रूपए से 1960 नवीन राजकीय नलकूपों का निर्माण कराया गया है। जिससे 98000 हेक्टेयर सिंचन क्षमता का सृजन हुआ है तथा 96089 किसान लाभान्वित हो रहे हैं।वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अबतक निःशुल्क बोरिंग/उथले नलकूप योजना के तहत कुल 424627 कार्य पूर्ण कराए जा चुके है। लगभग 4032 गहरे नलकूप तथा 13299 मध्यम गहरे नलकूपों का निर्माण पूरा कराया गया है। इसी प्रकार 729 सामूहिक नलकूप, 1261 ब्लास्ट कूप तथा 682 तालाबों व 977 चेकडैम के निर्माण द्वारा 955326 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि में सिंचन क्षमता का सृजन किया जा चुका है। प्रदेश में पी0एम0 कुसुम योजना के अन्तर्गत 20177 सोलर पम्पों की स्थापना की गयी है। इससे कृषकों के विद्युत बिलों को कम करने में सहायता मिली है तथा विद्युत की मांग में भी कमी आयी है। प्रदेश में ’’पर ड्राप, मोर क्राप’’ (प्रतिबंूद अधिक फसल) की संभावनाओं की वृद्धि हेतु माइक्रो इरिगेशन के अन्तर्गत स्प्रिंक्लर सिंचाई को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। जो जलसंचयन व गुणवत्तापूर्ण उत्पादन को प्रेरित कर रही है। जब हर खेत को पानी मिलेगा तब हमारी कृषि व हमारे अन्नदाता दोनों की समृद्धि सुनिश्चित है। प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशन मे प्रदेश की कृषि के उन्नयन व कृषकों की खुशहाली सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश की सिंचाई क्षमता में वृद्धि केे उपर्युक्त उल्लिखित कार्य प्रदेश को कृषि के क्षेत्र में निरन्तर ऊॅचाई पर ले जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य के अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में सिकलीगर जाति/उपजाति को सम्मिलित किये जाने हेतु प्रारम्भिक सुनवाई 08 नवम्बर को

उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम 1996 की धारा-9 की उपधारा-1 के अंतर्गत उ0प्र0 की जाति/उपजाति के प्रतिनिधियों द्वारा सिकलीगर जाति को उ0प्र0 राज्य के अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित/निष्कासन/संशोधन किये जाने का अनुरोध उनके प्रत्यावेदकों द्वारा किया गया है। आयोग द्वारा सिकलीगर जाति/उपजाति को उ0प्र0 राज्य के अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित/निष्कासन/संशोधन के सम्बंध में सुनवाई का निर्णय लिया गया है। यह जानकारी उप्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सचिव, अर्चना गहरवार ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि प्रत्यावेदकों द्वारा किये गये अनुरोध के क्रम में सिकलीगर जाति/उपजाति को उ0प्र0 के राज्य अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलन हेतु प्रारम्भिक सुनवाई 08 नवम्बर, 2021 को पूर्वान्ह 11 बजे कार्यालय राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, उ0प्र0, तृतीय तल, इन्दिरा भवन, अशोक मार्ग, लखनऊ कक्ष संख्या-316 में की जायेगी।

प्रत्यावेदन कर्ताओं एवं समस्त सम्बंधित पक्ष एवं विपक्ष के व्यक्तियों को निर्देशित किया गया है कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार समस्त साक्ष्यों/शपथ पत्रों सहित सुनवाई हेतु उपस्थित हों। यदि कोई व्यक्ति अथवा संस्था सूचना प्रकाशन की तिथि से 15 दिनों के भीतर विरोध प्रस्तुत करना चाहें, तो प्रस्तुत कर सकते हैं तथा सुनवाई की नियत तिथि को भी उपस्थित होकर अपना पक्ष एवं साक्ष्य प्रस्तुत कर सकते हैं। 

पंचायतीराज निदेशालय में आज ग्लोबल हैंडवाशिंग डे का आयोजन किया गया

पंचायतीराज निदेशालय अलीगंज लखनऊ में आज ग्लोबल हैंडवाशिंग डे का आयोजन किया गया। इस दौरान निदेशालय में साबुन से हाथ धोकर साफ-सफाई व स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। यह जानकारी पंचायतीराज के मिशन निदेशक  राज कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए साबुन से हाथ धोना व साफ-सफाई रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि ग्लोबल हैंडवाशिंग डे का आयोजन प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर को मनाया जाता हैं, परन्तु 15 अक्टूबर को विजयदशमी का सार्वजनिक अवकाश होने के कारण वर्ष 2021 में ग्लोबल हैंडवाशिंग डे का आयोजन 11 अक्टूबर से 13  अक्टूबर 2021 तक मनाने का निर्णय लिया गया था। 

इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 12 नये मामले, कुल 11,50,88,781 कोविड डोज दी गयी

मिशन निदेशक ने बताया कि 11 अक्टूबर 2021 को विद्यालय के बच्चों व अध्यापकों द्वारा, 12 अक्टूबर 2021 को ऑगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चों व कार्यकत्रियों द्वारा व 13 अक्टूबर को पंचायत भवन व सामुदायिक शौचालयों पर समुदाय के द्वारा हैंडवाशिंग करते हुए लोगों को जागरूक किया गया। पंचायतीराज निदेशालय में ग्लोबल हैंडवाशिंग डे का आयोजन के दौरान नोडल ऑफिसर  योगेन्द्र कटियार, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) व  संजय सिंह चौहान, स्टेट कंसलटेंट सहित अन्य विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। 

जनपद आगरा में मंडी गुड़ निरीक्षण भवन की मरम्मत हेतु 67 लाख 50 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद आगरा में मण्डी गुड़ निरीक्षण भवन की मरम्मत की परियोजना हेतु चालू वित्तीय वर्ष में प्रावधानित धनराशि 79.94 लाख रुपये में से 67 लाख 50 हजार रुपये अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन  मुश्ताक अहमद की ओर से 12 अक्टूबर, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात ही कार्य शुरू कराया जाय। परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराया जाये। इसके साथ ही वित्तीय अनुशासन का हर स्तर पर कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय।

स्वीकृति धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजना पर ही किया जाय। ऐसा न किया जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता होने पर इसका समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा। इसके अलावा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक अनापत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लियरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाये। प्रस्तावित कार्यों में किसी प्रकार की डुप्लीकेसी न हो।

प्रतापगढ़ में नरायनपुर राजबाहा के कार्यों हेतु 22.22 लाख की धनराशि अवमुक्त

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद प्रतापगढ़ में नरायनपुर राजबाहा पर वी0आर0वी0के निर्माण कार्य की पुनर्स्थापना हेतु प्रावधानित धनराशि 22.22 लाख परियोजना के अवशेष कार्यों पर व्यय करने हेतु अवमुक्त करने की स्वीकृति प्रदान की गई। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन  मुश्ताक अहमद की ओर से 12 अक्टूबर, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात ही कार्य शुरू कराया जाय। परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराया जाये। इसके साथ ही वित्तीय अनुशासन का हर स्तर पर कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय।

इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में कोरोना के कुल 145 एक्टिव मामले, कोविड वैक्सीनेशन का कार्य निरन्तर जारी

स्वीकृति धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजना पर ही किया जाय। ऐसा न किया जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता होने पर इसका समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा। इसके अलावा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक अनापत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लियरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाये। प्रस्तावित कार्यों में किसी प्रकार की डुप्लीकेसी न हो।

नरायनपुर राजबाहा पर साइफन तथा अन्य राजबाहों पर डी0आर0वी0 के निर्माण हेतु 12.20 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा राजबाहा पर साइफन, ककरौली राजबाहा, उँवडीह व कसेरवा राजबाहा पर 03 डी0आर0वी0 के निर्माण की परियोजना हेतु प्रावधानित धनराशि 12.20 लाख परियोजना के अवशेष कार्यों पर व्यय करने हेतु अवमुक्त करने की स्वीकृति प्रदान की गई। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन  मुश्ताक अहमद की ओर से 12 अक्टूबर, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने के पश्चात ही कार्य शुरू कराया जाय। परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराया जाये। इसके साथ ही वित्तीय अनुशासन का हर स्तर पर कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय।

स्वीकृति धनराशि का उपयोग स्वीकृत परियोजना पर ही किया जाय। ऐसा न किया जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता होने पर इसका समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा। इसके अलावा नियमानुसार समस्त आवश्यक वैधानिक अनापत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लियरेंस सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य प्रारम्भ कराया जाये। प्रस्तावित कार्यों में किसी प्रकार की डुप्लीकेसी न हो।

उद्यान विभाग द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत किसानों को तकनीकी जानकारी दी गई

उत्तर प्रदेश का उद्यान विभाग फल, सब्जियों अति संवेदनशील उत्पाद होने के कारण तुड़ाई के बाद सम्भावित क्षति को कम करने के उद्देश्य से आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 350 आन फार्म पैक हाउस, राइपनिंग चेम्बर, प्याज भण्डार गृह, प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना रिफर चैन, शीतगृह तथा प्राइमरी मिनिमल प्रोसेसिंग यूनिट आदि आधारभूत सुविधाओं का विकास किया गया।

इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश की खबरें: जितिन प्रसाद ने कहा, देनी होगी महिलाओं को वास्तविक भागीदारी

उद्यान विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार एकीकृत बागवानी विकास मिशन राष्ट्रीय कृषि विकास योजना आदि कार्यक्रमों में 85 गोष्ठियॉ का आयोजन किया है। जिसमें लगभग 42500 किसानों को तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराई गई है।विभाग द्वारा अनुपूरक उद्यम के रूप में मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन एवं पान विकास संबंधी कार्यक्रम के क्रियान्वयन के माध्यम से कृषकों को कौशल विकास एवं उद्यमिता विकास हेतु सत्त प्रयासरत रहा है। लाभाथी कृषकों द्वारा इन तकनीकी को अपनाकर सत्त आय एवं रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।


जनपद न्यायालय इलाहाबाद के कोर्ट रूम की मरम्मत कार्य हेतु 116.96 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार में जनपद न्यायालय इलाहाबाद 13 कोर्ट रूम के मरम्मत कार्य हेतु 116.96 लाख रूपये (एक करोड़ सोलह लाख छियानवे हजार) की अवशेष धनराशि की स्वीकृति प्रदान कर दी है। 

इस संबंध में न्याय विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में यह भी निर्देश दिये गये हैं कि स्वीकृत धनराशि जिस कार्य के लिए स्वीकृत किया गया है, उसका उपयोग उसी कार्य में किया जाए।

जनपद न्यायालय मऊ के ब्रिक-कोबा, नवीन जलापूर्ति एवं सेनीटेशन कार्य हेतु 35.54 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार में जनपद न्यायालय मऊ के छत के उपर ब्रिक-कोबा, नवीन जलापूर्ति एवं सेनीटेशन के कार्य हेतु 35.54 लाख रूपये (पैतिस लाख चौवन हजार) की अवशेष धनराशि की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संबंध में न्याय विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में यह भी निर्देश दिये गये हैं कि स्वीकृत धनराशि जिस कार्य के लिए स्वीकृत किया गया है, उसका उपयोग उसी कार्य में व्यय किया जाए।

निजी नलकूपों को विद्युत आपूर्ति हेतु उत्तर प्रदेश विद्युत निगम को 375 करोड़ रूपये का भुगतान स्वीकृत

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप शाही के निर्देशन मेंकृषि विभाग द्वारा किसानों के निजी नलकूपों को विद्युत आपूर्ति हेतु उत्तर प्रदेश विद्युत निगम को अनुदान योजना के अन्तर्गत माह अगस्त से अक्टूबर, 2021 हेतु तीन किश्त के रूप में कुल375 करोड़ रूपये के एकमुश्त भुगतान की स्वीकृति प्रदान कर दी है। विशेष सचिव कृषि,  शत्रुन्जय कुमार सिंह ने यह जानकारी देते हुये बताया कि औपचारिक आदेश निर्गत किये जाने हेतु कृषि विभाग को निर्देशित कर दिया गया है। सिंह ने बताया कि कृषि उत्पादन में वृद्धि करने हेतु किसानों के निजी नलकूपों को विद्युत आपूर्ति हेतु उत्तर प्रदेश विद्युत निगम को अनुदान योजना के अन्तर्गत 1500 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है। उन्होंने बताया कि माह अप्रैल से जुलाई, 2021 हेतु 500 करोड़ रूपये की धनराशि निगम को पूर्व में उपलब्ध कराई जा चुकी है।

इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 21 नये मामले, कुल 153 एक्टिव केस

सिंह ने बताया कि निर्देशदिये गये हैं कि इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वित होने वाले समस्त लाभार्थियों का विवरण विभागीय वेबसाइट पर डाला जाय। साथ ही शासकीय व्यय में मितव्ययिता के दृष्टिगत समय-समय पर जारी होने वाले आदेशों का भी अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।

पं0 दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजनांतर्गत मृदा तथा जल संरक्षण एवं भूमि सुधार तथा विकास कार्यक्रम हेतु 35.85 करोड़ रूपये स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 68 जनपदों में प्रस्तावित पं0 दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजनांतर्गत मृदा तथा जल संरक्षण एवं भूमि सुधार तथा विकास कार्यक्रम हेतु प्रथम किश्त के रूप में 35.85 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है। यह जानकारी विशेष सचिव कृषि,  बृजराज सिंह यादव ने देते हुये बताया कि शासन द्वारा इस सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश जारी कर दिये गये हैं। यादव ने बताया कि पं0 दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजनान्तर्गत 114.50 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है। प्रस्तावित वित्तीय स्वीकृति उपलब्ध बजट प्राविधान की सीमा के अन्तर्गत रहेगी। कोषागार से एकमुश्त धनराशि आहरित नहीं की जायेगी और न ही धनराशि आहरित कर किसी बैंक खाते में रखी जायेगी।

जारी शासनादेश में कहा गया है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि का व्यय अनुमोदित परियोजना एवं प्रस्ताव के अनुरूप सरकार के दिशा-निर्देशों एवं संगत नियमों के अनुसार किया जायेगा। धनराशि का कोषागार से आहरण एवं व्यय तभी किया जायेगा, जब यह सुनिश्चित कर लिया जायेगा कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद योजना के कार्यक्रमों का संचालन किया जाना आवश्यक एवं अपरिहार्य है। 

प्राईस सपोर्ट स्कीम गाईडलाईन्स-2018 के तहत खरीफ 2021-22 में फसलों की खरीद किये जाने हेतु निर्देश जारी

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राईस सपोर्ट स्कीम के तहत खरीफ 2021-22 सीजन में मूंग, उर्द, तिल एवं मूंगफली की खरीद प्राईस सपोर्ट स्कीम गाईडलाईन्स-2018 के क्रम में किये जाने हेतु समस्त सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं। प्रदेश में मूंग, उर्द, तिल एवं मूंगफली की खरीद 11 अक्टूबर, 2021 से  08 जनवरी, 2022 तक (90 दिन) की जायेगी। 

अपर मुख्य सचिव कृषि, डॉ0 देवेश चतुर्वेदी की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि प्रदेश में खरीफ-2021 में दलहन एवं तिलहन की खरीद पीसीएफ तथा यूपीपीसीयू के माध्यम से की जायेगी, जिसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद द्वारा प्रत्येक को 12.50 करोड़ रूपये उपलब्ध कराये जायेंगे। यह धनराशि खरीद बढ़ने पर यथावस्था बढ़ाई जायेगी।

इसे भी पढ़ें: सर्वाधिक टीकाकरण करने वाला राज्य बना उत्तर प्रदेश, कोरोना संक्रमण के 19 नये मामले आये

जारी शासनादेश में कहा गया है कि प्राईस सपोर्ट स्कीम के तहत फसलों का क्रय किये जाने हेतु प्रदेश स्तर पर नामित क्रय एजेंसियों, यूपीपीसीएफ तथा यूपीपीसीयू द्वारा जनपद स्तर पर खोली गयी क्रय एजेंसियों का पता, अधिकृत व्यक्ति का मोबाईल नम्बर भारत सरकार की नोडल एजेंसी नेफैड को उपलब्ध कराया जायेगा। यूपीपीसीएफ एवं यूपीपीसीयू द्वारा सीडब्ल्यूसी एवं एसडब्ल्यूसी गोदामों, बोरों तथा परिवहन की व्यवस्थ सुनिश्चित की जायेगी।


नाबार्ड वित्त पोषित आरआईडीएफ योजना के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों के 05 सेतुओं के चालू कार्यों हेतु रू0 05 करोड़ 47 लाख 64 हजार की धनराशि की गयी आवंटित

उ0प्र0 के उपमुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में नाबार्ड वित्त पोषित आरआईडीएफ योजना के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों के 05 सेतुओं के चालू कार्यों हेतु रू0 05 करोड़ 47 लाख 64 हजार धनराशि अवमुक्त की गयी है। इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश उ0प्र0 शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है। इन 05 सेतुओं के चालू कार्यों में जनपद बलिया के 03 तथा मुजफ्फरनगर व सहारनपुर में 01-01 चालू सेतुओं के कार्य सम्मिलित हैं। जारी शासनादेश में सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि नाबार्ड योजनान्तर्गत निर्माणाधीन सेतुओं के गुणवत्तायुक्त निर्माण की प्रगति की नियमित समीक्षा कर शासन को उपलब्ध करायी जाय तथा यह भी निर्देश दिये गये हैं कि आवंटित धनराशि का व्यय वित्तीय हस्तपुस्तिका के सुसंगत प्राविधानों एवं समय-समय पर शासन द्वारा निर्गत शासनादेशों के अनुरूप किया जाय।

उपमुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिये हैं कि इन कार्यों में वित्तीय नियमों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय एवं परियोजना को ससमय पूर्ण किया जाय तथा जारी शासनादेशों में उल्लिखित दिशा-निर्देशों का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाय।

राज्य सड़क निधि योजना के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों के 15 मार्गों के चालू कार्यों हेतु रू0 06 करोड़ 70 लाख 01 हजार की अवशेष धनराशि की गयी आवंटित

उप्र के उपमुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में राज्य सड़क निधि योजना के अन्तर्गत विभिन्न जनपदों के 15 मार्गों के चालू कार्यों हेतु रू0 06 करोड़ 70 लाख 01 हजार की अवशेष धनराशि का आवंटन उ0प्र0 शासन द्वारा प्रदान किया गया है। इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश उ0प्र0 शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है। इन 15 कार्यों में जनपद प्रयागराज में 14 तथा बस्ती में 01 कार्य सम्मिलित हैं। जारी शासनादेश में सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि आवंटित धनराशि का उपयोग प्रत्येक दशा में 31 मार्च 2022 तक कर लिया जाय तथा उपयोगिता प्रमाण-पत्र बजट मैनुअल के प्राविधानों के अनुसार अनिवार्य रूप से उप्र शासन को प्रेषित किया जाय तथा राज्य सड़क निधि नियमावली में किये गये प्राविधानों का पालन करते हुये कार्य सम्पादित कराया जाय। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिये हैं कि इन कार्यों में वित्तीय नियमों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय तथा जारी शासनादेशों में उल्लिखित दिशा-निर्देशों का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाय।

अब तक कुल 371244 ड्राई राशन किट, 639613 फूड पैकेट वितरित किए गए

उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त  रणवीर प्रसाद ने वर्षा की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि गत 24 घंटे में प्रदेश में शून्य मि0मी0 औसत वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा से 2.2 मि0मी0 के सापेक्ष शून्य प्रतिशत है। प्रदेश में दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान प्रदेश में (01 जून, 2021 से 30 सितम्बर, 2021 तक) 748.8 मि0मी0 औसत वर्षा हुए, जो सामान्य वर्षा 790.2 मि0मी0 के सापेक्ष 95 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि शारदा-खीरी में खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में वर्तमान में 08 जनपदों में 35 गांव बाढ़ से प्रभावित है। प्रदेश के वर्षा से प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 की कुल 59 टीमें तैनाती की गयी है।

इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश की खबरें: समावेशन और अंत्योदय को समर्पित है यूपी सरकार

प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में 1169 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं। 1528 मेडिकल टीमें तथा 8920 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। उन्होंने बताया कि खोज बचाव कार्य हेतु 451 मोटर बोट तथा 208 वाहन लगाये गये हैं। प्रदेश में 1258 बाढ़ चौकी स्थापित की गयी है। प्रदेश में अब तक कुल 2090 पशु शिविर स्थापित किये गये हैं। विगत 24 घंटों में पशु टीकाकरण की संख्या 1173 तथा अब तक कुल पशु टीकाकरण की संख्या 1013780 है। एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 द्वारा 58178 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। प्रसाद ने बताया कि अब तक कुल 371244 ड्राई राशन किट वितरित किए गये हैं। अब तक कुल 639613 फूड पैकेट वितरित किए गए हैं। प्रदेश में 315652.89 मी0 त्रिपाल, पीने के पानी का पाउच 258239 ली0, ओ0आर0एस0 के 310141 पैकेट तथा क्लोरीन के 3253446 टेबलेट वितरित किया गया है। 

त्यौहारों के दृष्टिगत अवैध मदिरा पर रोक लगाने हेतु 12 अक्टूबर से 05 नवम्बर, 2021 तक चलाया जायेगा विशेष प्रवर्तन अभियान

संजय आर0 भूसरेड्डी, अपर मुख्य सचिव, आबकारी द्वारा अवगत कराया गया कि मा. मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री एवं तस्करी के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही किये जाने के आदेश दिये गये है। उक्त के अनुक्रम में मा. आबकारी मंत्री  राम नरेश अग्निहोत्री द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में निकट भविष्य में दशहरा एवं दीपावली त्योहारों के दृष्टिगत अवैध मदिरा के निर्माण, तस्करी एवं बिक्री की को देखते हुए दिनांक 12.10.2021 से 05.11.2021 तक प्रदेश स्तर पर विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान के दौरान जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक के माध्यम से आबकारी, पुलिस एवं प्रशासन की संयुक्त टीमों का गठन करते हुए दबिश एवं चेकिंग कार्यवाही की जायेगी, जिसमें अवैध शराब के निर्माण एवं बिक्री के अड्डों पर दबिश दिये जाने के साथ-साथ राष्ट्रीय/राज्य राजमार्गों पर स्थित संदिग्ध ढाबों की भी जांच कराई जायेगी। अवैध मदिरा की बिक्री पर पूर्ण नियंत्रण हेतु आबकारी दुकानों पर उपलब्ध स्टाक की सूक्ष्मता एवं सतर्कतापूर्वक जांच की जायेगी।

अपर मुख्य सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि मुख्य मार्गों पर वाहनों की भी चेकिंग कराई जायेगी, जिससे कि अवैध मदिरा की तस्करी पर रोक लगाई जा सके। अवैध मदिरा के कार्य में संलिप्त माफियाओं पर आबकारी अधिनियम की धाराओं के साथ-साथ आई0पी0सी0 की सुसंगत धाराओं में भी एफ0आई0आर0 दर्ज कराते हुए कठोर कार्यवाही किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं।

इसी क्रम में  सेंथिल पांडियन सी. आबकारी आयुक्त, उ0प्र0 द्वारा अवगत कराया गया कि अभियान के दौरान यदि किसी व्यक्ति को किसी स्थान पर अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री, तस्करी अथवा शराब से जुड़ी अन्य किसी शिकायत की सूचना प्राप्त होती है तो वह तत्काल मुख्यालय कन्ट्रोल रूम पर स्थापित टोल फ्री नम्बरों ‘‘14405‘‘ और ‘‘18001805331‘‘ पर दिये जाने के साथ-साथ व्हाट्सऐप नं0 9454466019 पर भी सूचना दे सकते हैं।

आबकारी आयुक्त द्वारा यह भी बताया गया कि दशहरा और दीपावली के अवसर पर चलाये जा रहे प्रवर्तन अभियान के दौरान अवैध शराब के निर्माण तथा बिक्री के अड्डों के विरूद्ध छापेमारी कार्यवाही के साथ-साथ ईंट भट्ठों, बहुत दिनों से बन्द पड़ी फैक्ट्रियों और गोदामों, खण्डहर, इण्डस्ट्रियल एरिया के संदिग्ध गोदामों, कोल्ड स्टोरेज, आर0ओ0 वाटर प्लाण्ट, पेन्ट एण्ड थिनर की दुकान, एफ0एल0-16/17 की दुकानों की सघनता से जांच किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। आबकारी आयुक्त द्वारा बताया गया कि अवैध शराब की तस्करी की रोकथाम के लिए हरियाणा, नेपाल तथा उत्तराखण्ड के सीमायी क्षेत्रों में चौकसी बरतने के कड़े निर्देश दिये गये हैं।

उत्तर प्रदेश विधानसभा का तृतीय सत्र 18 अक्टूबर को

माननीय अध्यक्ष, विधान सभा ने सत्रहवीं विधान सभा के उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए 18 अक्टूबर, 2021 की तिथि निर्धारित की है। उक्त निर्वाचन दिनांक 18 अक्टूबर, 2021 को पूर्वाह्न 11ः00 बजे विधान सभा मण्डप, लखनऊ में होगा। विधान सभा का कोई भी सदस्य दिनांक 17 अक्टूबर, 2021 के पूर्वाह्न 11ः00 बजे से अपराह्न 1ः00 बजे तक उक्त निर्वाचन के लिए किसी दूसरे सदस्य के नाम-निर्देशन हेतु एक नाम-निर्देशन-पत्र सम्यक रूप से भरकर प्रमुख सचिव, विधान सभा को प्रस्तुत कर सकेंगे। नाम-निर्देशन-पत्र प्रमुख सचिव, विधान सभा के कार्यालय कक्ष से प्राप्त किये जा सकते हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़